भाकपा माले और मासस द्वारा कॉमरेड चारु मजुमदार,कॉमरेड ए के राय एवं फादर स्टैन स्वामी स्मृति संकल्प सभा आयोजन केंद्र के फासीवादी निज़ाम की चुनौतियों के खिलाफ मजबूत विपक्ष के लिए वामपंथ सबसे मजबूत ज़मीनी ताक़त।
वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्त्ता फादर स्टैन स्वामी की सत्ता प्रायोजित ह्त्या की न्यायिक जांच कराओ,तमाम आन्दोलनकारियों कि हत्या व दमन पर रोक लगाओ तथा कृषि एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के कॉर्पोरेटी क़ब्ज़ा पर लगाम लगाओ .... की प्रमुख मांगो और कोरोना जनसंहार की जिम्मेवार मोदी सरकार के खिलाफ साझा संघर्ष तेज़ करो के आह्वान के साथ गत 21 जुलाई कॉमरेड ए के राय स्मृति दिवस से शुरू किये गए भाकपा भाकपा माले और मासस के संयुक्त ‘ संकल्प सप्ताह का समापन 28 जुलाई को भाकपा माले संस्थापक कॉमरेड चारु मजुमदार के शहादत दिवस पर किया गया.
इस अवसर पर दोनों वाम दलों द्वारा रांची के लोयला सभागार में राज्य स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से आये दोनों वाम दलों के सैंकड़ों नेता कार्यकर्त्ता शामिल हुए।
कन्वेंशन के मुख्य वक्ता भाकपा माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने पार्टी संस्थापक कॉमरेड चारु मजुमदार की शहादत तथा कॉमरेड ए के राय और फादर स्टैन स्वामी की संघर्ष परम्परा को देश में कहर मचा रही मोदी शाही से मुकाबले के लिए आन्दोलन की वैचारिक ऊर्जा और साहस का स्रोत बताया. कॉमरेड चारू और ए के राय के दौर में तो कुछ समय की इमरजेंसी लगी थी लेकिन मोदीशाही के राज में हर दिन और 24 घंटे की इमरजेंसी लागू है . अभी के समय में भले ही 15 अगस्त को देश में आज़ादी का दिवस मनाया जायेगा लेकि आज हालात ऐसे हैं कि न तो जनता के लिए कोई आर्थिक आज़ादी है और ना ही किसी को बोलने की आज़ादी है . कॉर्पोरेटी – निजीकरण के हाथों देश को बेचकर राष्ट्रवाद के नारे लगाए जा रहें हैं . जैसे चारु मजुमदार ने नए भारत का सपना देखा तो उन्हें जेल में मार डाला गया वैसे ही फादर स्टैन स्वामी ने आदिवासी वंचितों के शोषण मुक्त समाज का सपना देख तो उन्हें भी जेल में ही मार डाला गया . आज मोदी शाही निज़ाम से देश कि जनता को निजात दिलाने के लिए वामपंथियों की मजबूत एकता देश में किसी भी विकल्प निर्माण के लिए अत्यंत ज़रूरी है . जिसके लिए कोई भी कारगर विपक्षी एकता वामपंथ के बगैर संभव होगी . माले और मासस की एकता देश में फासीवाद के खिलाफ जारी संघर्षों को नयी ताक़त देगी .
झारखण्ड की सरकार को भी अपने कार्यों और नीतियों से जनता के बीच ज़मीनी तौर से ये स्थापित करना ही होगा कि वो एनडीए के कुशासन से अलग है .
मासस के केन्द्रीय महासचिव कॉमरेड हलधर महतो ने भी उक्त आन्दोलनकारी व्यक्तित्वों के विचारों को आत्मसात करने पर जोर देते हुए कहा कि मोदी शासन के लूट और तानाशाही के राज ने ने दिखला दिया है कि देश कि जनता का वास्तविक हित महज सत्ता परिवर्तन से नहीं होनेवाले हैं . इसके लिए लाल झंडे की अगुवाई वाले व्यवस्था परिवर्तन की एकताबद्ध लड़ाई तेज़ करनी होगी .
कन्वेशन का विषय प्रवेश करते हुए माले पोलित ब्यूरो सदस्य मनोज भक्त ने कहा कि वर्तमान केंद्र की सत्ता में काबिज़ सरकार आज लोकतंत्र और संविधान को ख़त्म करने पर आमादा है . जिसका कारगर मुकाबले के लिए वामपंथियों की एकता अत्यंत ज़रूरी है ।
सञ्चालन करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने कन्वेंशन के मुद्दों को रखांकित करते हुए कारगर विपक्षी एकता के लिए वामपंथ की एकता और मजबूती को अनिवार्य बताया .
अध्यक्षता करते हुए मासस के मजदुर नेता मिथिलेश सिंह ने कहा कि समय दिखला रहा है कि जनता की सभी समस्याओं और सवालों से निजात का रास्ता वामपंथ के जरिये ही संभव है . माले और मासस की एकता आनेवाले दिनों में झारखंड के साथ साथ देश के वामपंथियों के लिए भी मिशाल बनेगी ।
कन्वेंशन द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में – 1. भाजपा द्वारा झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिशों तथा पेगासस जासूसी के खिलाफ तथा फादर स्टैन स्वामी मौत की न्यायिक जांच व दोषियों को सजा दिलाने इत्यादि मुद्दों पर ५ अगस्त को राज्यव्यापी नागरिक प्रतिवाद करते हुए एकदिवसीय उपवास कार्यक्रम लिया जाएगा .
2. मोदी सरकार द्वारा कोरोना काल में ऑक्सिजन के अभाव से हुई मौतों से इनकार किये जाने तथा महंगाई – बेरोज़गारी कि मार जैसे मुद्दों के खिलाफ पुरे अगस्त माह में जनसुनवाई कार्यकर्म होंगे तथा प्रत्येक रविवार को ‘ अपनों की याद ‘ कार्यक्रम किया जाएगा . 3. 15 से 30 अगस्त तक पुरे राज्य में रोज़गार के सवाल पर युवा अभियान .
4. जारी किसान आन्दोलन के समर्थन में 14 अगस्त तक पुरे प्रदेश में प्रखंड मुख्यालयों पर किसान पंचायत होंगे .
5. 9 से 15 अगस्त तक पुरे झारखण्ड में ‘ कॉर्पोरेट लूट से झारखण्ड बचाओ , जल जंगल ज़मीन बचाओ ‘ मुहीम के तहत ‘ भारत बचाओ , मोदी – शाह हटाओ ‘ अभियान चलाया जाएगा ।
कन्वेंशन को माले पूर्व विधायक कॉमरेड राजकुमार यादव , ऐपवा नेत्री गीता मंडल , एआईपीऍफ़ के कुमार वरुण तथा मासस के अगम राम व धनेश्वर तुरी समेत कई अन्य ने भी संबोधित किया .
कन्वेंशन की शुरुआत तीनों शहीदों की तस्वीर पर माल्यार्पण , एक मिनट की मौन श्रद्धांजली तथा झारखण्ड जन संस्कृति मंच के शहीद गीत से की गयी .
कन्वेंशन व्यवस्था में माले रांची जिला सचिव कॉमरेड भुवनेश्वर केवट , एआइपीएफ के नदीम खान , मासस नेता सुशांतो मुखर्जी , जसम के जेवियर कुजूर , इनौस नेता अखिलेश व आकाश रंजन तथा आइसा के सुहैल , तरुण तथा ऐपवा कि नंदिता ने सम्भाला .
होंगे कामयाब के समूह गायन और जोशपूर्ण नारों से कन्वेंशन सम्पन्न हुआ .
By Madhu Sinha
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