छात्रवृत्ति अधिकार मंच ने झारखंड सरकार से सत्र 2021-22 के छात्रवृत्ति पोर्टल को निरस्त कर,सत्र 2020 21 के छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को पुनः चालू करने की मांग को लेकर 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर।
छात्रों का कहना है कि कोशिश -19 की महामारी के कारण सभी पाठ्यक्रमों के सत्र विलंब हो गए थे। जिसके कारण नामांकन की प्रक्रिया जारी रहने के बीच में ही छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल सत्र 2020 21 को बंद किए जाने से बीएड पाठ्यक्रम के 5000 से अधिक तथा सामान्य, प्रोफेशनल, वोकेशनल वह अन्य पाठ्यक्रमों के भी हजारों छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। इसको लेकर छात्रों द्वारा विभिन्न स्तर पर आंदोलन किया जा रहा था। झारखंड राज्य के अधिकांश छात्रों ने अपना नामांकन बीएड व अन्य पाठ्यक्रम में नामांकन कराया, परंतु नामांकन प्रक्रिया के बीच में ही छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को 10 फरवरी 2021 को बंद कर दिया गया।जबकि बीएड पाठ्यक्रम में नामांकन 29 जुलाई तक जारी है। अब छात्रवृत्ति से वंचित छात्र पढ़ाई छोड़ने की स्थिति में आ गए हैं। 15 जुलाई को राज्य स्तरीय आंदोलन किया गया जिसमें सरकार के प्रतिनिधि द्वारा 10 दिनों के भीतर छात्र हित में कदम उठाने का आश्वासन दिया गया, परंतु 21 जुलाई 2021 को प्रतिष्ठित माध्यम से छात्रों को ज्ञात हुआ कि कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति आवेदन और पोर्टल को चालू करने की घोषणा कर दी गई है। जबकि पूर्व में ही सत्र 2020 21 के छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति आवेदन और पोर्टल को पुनः चालू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 2021 तक के सभी सत्र के पाठ्यक्रमों की अंतिम परीक्षाओं को अगस्त तक पूरा किया जाने की सूचना जारी की है तथा नामांकन अक्टूबर माह तक पूरा करने की बात कही है। ऐसी स्थिति में 2021-22के नए नामांकित छात्र आवेदन से वंचित होंगे तथा जो अन्य छात्र सत्र विलंब के कारण छात्र अगले कक्षाओं में गए नहीं हैं, जिससे शिक्षण संस्थान एक वर्ष में दो बार बोनाफाइड सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकते हैं। ऐसे हालात में राज्य के विभिन्न पाठ्यक्रमों के अधिकांश छात्र वंचित ही रह जाएंगे।
छात्रवृत्ति अधिकार मंच झारखंड सरकार से मांग की है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए अविलंब छात्रवृत्ति आवेदन फोटो 2020-21 को पुनः चालू करें तथा सत्र 2021-22 के छात्रवृत्ति पोर्टल को निरस्त करें।
By Madhu Sinha
Related Link : --
0 टिप्पणियाँ