CHANDANKIYARI : चास-चन्दनकियारी क्षेत्र में थोंपी जा रही व्यापक त्रुटिपूर्ण खतियान रद्द करने व पिण्ड्राजोरा को प्रखण्ड बनाने को लेकर मांगें तेज।
चंदनकियारी, बोकारो, झारखंड।
चास-चन्दनकियारी प्रखण्ड के किसानों को थोंपी जा रही व्यापक त्रुटिपूर्ण खतियान और सरकार व सरकार के विपक्ष सेटेलाइट से सर्वे सेटेलमेंट करवाने की आश्वासन, विधानसभा पटल पर व्यापक त्रुटिपूर्ण नयी सर्वे सेटेलमेंट रद्द करवाने की बजाय, छोटानागपुर काश्तकारों अधिनियम की धारा 87 के तहत दर्ज मुकदमा की त्वरित निष्पादन करने जैसे तुष्टिकरण सदन में की गई, सवालों से रैयत किसानों की एक उम्मीद से निराशा होकर किसान मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को पंचायत भवन, पिण्ड्राजोरा में बैठक आयोजित कर किसान रैयतों की नयी सर्वे सेटेलमेंट खतियान की सभी बिन्दुओं पर चर्चा की गई। अध्यक्षता कुम्हारदागा पंचायत के मुखिया पशुपति कुमार व संचालन किसान मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष संतोष कुमार ने किया।
वहीं किसान नेता पुरन चन्द्र महतो ने कहा कि चास-चन्दनकियारी के नये सर्वे सेटेलमेंट की खतियान में चौहद्दी के जगह पर दोहद्दी अंकित है, तो कहीं खतियान में अंकित रकवा से कम रकवा की नक्शा बना है, छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को ताक पर रखकर रैयतों की मूल जाति से गढ़मात जैसे विभिन्न तरह से रैयतों की मूल जाति को विलुप्त किया रहा है। जिसे रद्द करवाने की बजाय राजनीतिक दलों के नेताओं की एक चुनावी घोषणापत्र ही रह गई।
किसान मुक्ति मोर्चा के सचिव बाटूल चन्द्र प्रमाणिक कहा कि किसान रैयतों की एक ज्वलंत समस्याओं पर सरकार गंभीर नहीं है। सर्वे सेटेलमेंट की आश्वासन सिर्फ सपना बनी रही, निवर्तमान सरकार से एक उम्मीद थी। लेकिन स्थानीय निवर्तमान विधायक ने विधानसभा सदन में ऐसी ज्वलंत समस्याओं को तत्काल रद्द करने की बजाय न्यायालय में दायर मुकदमें की त्वरित निष्पादन करने जैसे भटकाव जैसे सवालों से चास-चन्दनकियारी क्षेत्र को भविष्य में रणभूमि बनाने की एक बड़ी साजिश रची जा रही है। और हक अधिकारों को छिनी जा रही है।
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव हरिपद महतो ने कहा कि नयी सर्वे सेटेलमेंट तत्काल रद्द नहीं की जाती है। तो ऐसे ज्वलंत समस्याओं पर किसान रैयत एकजुट होकर देश की किसान आंदोलन के तर्ज में जन आंदोलन करने के लिए विवस होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवार सरकार व सरकार के विपक्ष की होगी।वहीं संयुक्त किसान मोर्चा चन्दनकियारी के संयोजक जगन्नाथ रजवार ने कहा कि 2013 में पूर्ववर्ती सरकार के कैबिनेट में पिण्ड्राजोरा, बरमसिया, अमलाबाद जैसे विकास से उपेक्षित सुदुरवर्ती क्षेत्रों में प्रखंड बनाने का निर्णय लिया। प्रस्तावित प्रखण्ड पिण्ड्राजोरा, बरमसिया, अमलाबाद ने सभी आहर्त्ताऐं पुरी करने के बावजूद भी सिर्फ व सिर्फ राजनीतिक दलों की एक चुनावी घोषणापत्र बनी रही। केम्प प्रखण्ड पिण्ड्राजोरा कार्यालय को एक तानाशाही कर केम्प प्रखण्ड कार्यालय पिण्ड्राजोर को विलुप्त कर जनकल्याणकारी योजनाओं का अंतिम पंक्ति को वंचित रखने की साज़िश है। ऐसी जायज मॉंगों पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिसका सम्पूर्ण जिम्मेवार सरकार की होगी।
मौके पर किसान मुक्ति मोर्चा के संरक्षक अजित सिंह चौधरी, चॉंदु महतो, अंकित कुम्भकार, रघुनाथ महतो, मितन कुमार महतो,गोबिंद महतो, युधिष्ठिर महतो, प्रहलाद महतो, धुर्जटी घोष,मोहन लाल प्रमाणिक, दुलाल चन्द्र महतो,मो.युसुफ अंसारी, राज कुमार गोप, रविन्द्र मांझी, दिनेश कुमार महतो, आबुल हुसैन अंसारी, बैधनाथ गोप, दारा सिंह कुम्हार, तीरथ चौधरी,अजय कुमार मांझी, फुल चांद महतो, गुरुपद महतो, मारुती महतो, सम्पूर्ण सोरेन, विश्वजीत महतो, तेला कुमार, कामदेव महतो, अनिल महतो, दिलीप कुमार महतो, मथुर महतो,निमाई कुमार, महादेव महतो, साधु महतो, सुदाम मांझी आदि शामिल रहे।
Report By Mahendra Mahato (Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand)
By Madhu Sinha


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