RANCHI : घुसपैठियों के मुद्दे पर भाजपा का हाय-तौबा जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश : सुबोधकांत सहाय ।
रांची, झारखंड ।पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर भाजपा हाय-तौबा मचा रही है। भाजपा का यह कृत्य चुनावी माहौल में जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।
इस संबंध में श्री सहाय ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि यदि सही मायने में इस मुद्दे पर भाजपा इतनी चिंतित है, तो उसे यह भी बताना चाहिए कि विगत 11 साल के शासनकाल में भाजपानीत केंद्र सरकार इस मसले पर क्या कर रही थी? क्यों नहीं इस दौरान घुसपैठियों को रोकने की कोशिश की गई? उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बिहार में पिछले आठ सालों से डबल इंजन वाली एनडीए की सरकार है। इस बीच बिहार में घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र द्वारा क्यों नहीं कोई नीतिगत प्रस्ताव लाया गया? अब बिहार में चुनाव होने वाला है, तो यहां चुनाव पूर्व इस मुद्दे को उछालकर अन्य मुद्दों को गौण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की सीमा की सुरक्षा, उसकी निगरानी और अवैध घुसपैठ रोकने का जिम्मा केंद्र सरकार का है। सरकार के अधिकतर शासन काल में यह मुद्दा दबा रहा, इस पर कोई कभी चर्चा नहीं हुई। अब चुनाव निकट आते ही भाजपा के भाषणों में यह मुद्दा प्रमुखता से उछाला जा रहा है। जबकि बिहार में और भी कई ज्वलंत मुद्दे हैं। बिहार में गरीबी, पलायन, बदहाल बुनियादी आधारभूत संरचनाएं, बेरोजगारी, किसानों का संकट, जन स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था जैसे कई मुद्दे हैं, लेकिन इन मुद्दों को दरकिनार कर भाजपा अकस्मात अवैध घुसपैठियों के मुद्दे को प्राथमिकता देने में जुटी है।
श्री सहाय ने कहा कि चुनाव के पूर्व जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा एक सोची-समझी साजिश के तहत घुसपैठ के मुद्दे को तूल देने में लगी है। चुनाव पूर्व मतदाताओं का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा हर हथकंडा अख्तियार कर रही है। घुसपैठ के खतरे को देश के लिए खतरनाक दिखाकर जनता को भरमाने की साजिश की जा रही है। भाजपा भड़काऊ भाषणों के सहारे जनता को भड़का रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा एसआइआर के नाम पर बिहार के जिन 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए,उसमें से कितने मतदाता रोहिंग्या या बांग्लादेशी के तौर पर चिह्नित किए गए? यह आंकड़ा भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
भाजपा अवैध घुसपैठियों को किसी समुदाय विशेष से जोड़कर जनता के बीच सांप्रदायिक विभाजन का बीजारोपण कर रही है।
श्री सहाय ने कहा कि भाजपा द्वारा धर्म और जाति के नाम पर बिहार की जनता के हितों पर कुठाराघात किया जाता रहा है। भाजपा देश के सामाजिक ताने-बाने को छिन-भिन्न कर रही है।
श्री सहाय ने कहा कि सदियों से बिहार राज्य सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक रहा है, जहां हिंदू और मुस्लिम, ऊंची और नीची जातियां अपने सुख-दुख और सामाजिक समस्याओं को भी साझा करते रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की भूमि, बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र रहा बिहार राज्य विविधता में एकता और सामंजस्य का प्रतीक है। बिहार राज्य की जनता को विभाजनकारी तत्वों से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
By Madhu Sinha
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