RANCHI, JHARKHAND#वित्तीय वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट भाजपा समर्थक चंद उद्योग समूह के पैर के तलवे में चमेली का तेल मध्यम वर्ग के लोगों पर मंहगाई टैक्स और कर्ज का बोझ तथा मेहनतकश आम आवाम के लिए आंखों में सतरंगी चश्मा पहनाने वाला दस्तावेज है। --सुप्रियो भट्टाचार्य।
झामुमो के वरिष्ठ नेता श्री सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्रीय बजट पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े सरकारी क्षेत्र भारतीय रेल को चार उद्योग समूह के बीच में ग्रैंड सेल में डिस्काउंट पर देने का निर्णय ले लिया है। हम भारतीय रेल और उसकी बहुमूल्य आधारभूत संरचना एवं भूखंड कौड़ियों के भाव उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना बनेगा और आम आवाम उन उद्योगपतियों को अपने पसीने की गाढ़ी कमाई से सींचने का काम करेगा । देश का आर्थिक मेरुदंड बैंक और बीमा कंपनियां एवं देश में व्यक्तिगत संपत्ति के तौर पर जानी जाएगी। युवाओं को चलकर उन्हें रोजगार के केवल सपने दिखाना ही बजट का मुख्य अंश है। किसानों महिलाओं को मीठी-मीठी बातों का आश्वासन देना जैसे शहर में विष डालकर जो हर कोई मीठा बना दिया जाता है, वही काम किया गया है । झारखंड जैसे राज्यों के साथ नाइंसाफी अब लगता है कि संवैधानिक प्रावधान बन गया ।
आज का बजट पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए खाली लिफाफा में सपने भेजे गए हैं, और आने वाले दिनों में आम लोगों के लिए डेथ वारंट तैयार कर लिया गया है।
By Madhu Sinha
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