RANCHI, JHARKHAND#अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेसी नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।

 RANCHI, JHARKHAND#अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेसी नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।

रांची । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पार्टी के सभी नेता-कार्यकर्त्ता उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और  राहुल गांधी के दूत के रूप में देखते थे ,जिसके कारण उनकी हर ज्यादती और अपमान सहते रहे। आरपीएन सिंह ने आलाकमान को बरगलाकर प्रदेश में मनमाफिक एक कमजोर संगठन के मार्फत राज्य में गठबंधन सरकार को गिराने तक की कोशिश की, इसे लेकर उन्होंने अपने कुछ चहेते नेताओं की ओर से बयान भी दिलाया, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि आरपीएन सिंह के प्रभारी रहने के दौरान पार्टी के चार-चार प्रदेश अध्यक्ष रहे नेता कांग्रेस छोड़ कर चले गये और कई विधायक, पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने उनके दुव्यर्वहार के कारण पार्टी छोड़ दिया।विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी नेताओ के साथ बैठक में आरपीएन सिंह कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत की बजाये यह दावा करते थे कि राज्य में 4 से 5 सीटों से अधिक पर कांग्रेस उम्मीदवार नहीं जीतेगी और भाजपा की ही सरकार दुबारा बनेगी, लेकिन जनता ने यहां भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का काम किया और जब गठबंधन की सरकार बनी, तब भी उन्होंने संगठन को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाद में पार्टी से बाहर से आये लोगों को पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बैठा दिया।ऐसे लोग कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं,ऐसे में हाईकमान को आरपीएन सिंह के समय लिये गये हर फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए बल्कि पुनर्विचार ही नहीं आरपीएन सिंह के लिए गये फैसले को वापस लेना चाहिए।


प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि आरपीएन सिंह के प्रभारी रहने के कारण ही पार्टी का जनाधार राज्य में खिसकता चला गया। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त अगर ये प्रभारी नहीं रहते तो पार्टी चुनाव में और अच्छा करती एवं संगठन की स्थिति और अच्छी रहती। उनके व्यवहार से सभी कार्यकर्त्ता-नेता खासे नाराज रहते थे, आरपीएन सिंह के एक हाथ में सिगरेट, तो मुंह में हमेशा अपशब्द ही रहता था, जिसके कारण उनके पास कोई भी समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्त्ता जाने से कतराता था, इसके बावजूद प्रभारी रहने के कारण लोगों के समक्ष मजबूरी रहती थी।बतौर प्रभारी ये कांग्रेस को कमजोर करते रहे और भाजपा को मजबूत।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि जिस तरह से आरपीएन सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, विधायक और पूर्व विधायक से लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उसी का परिणाम है कि उनके जाने के बाद ऐसा पहली बार हुआ, कार्यकर्त्ता आतीशबाजी कर खुशियां मना रहे है, जबकि ऐसे मौकों पर यह देखा जाता है कि किसी अच्छे नेता के पार्टी छोड़ देने से संगठन के कार्यकर्त्ताओं में मायूसी होती है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी प्रभारी के पार्टी छोड़ने के बाद जश्न मनाया जा रहा है।


By Madhu Sinha

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