Vedanta- ESL ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन कर संयंत्र-व्यापी सुदृढ़ता की ओर बढ़ाए कदम, तय किए अधिक स्थिरता लक्ष्य |
अपनी पर्यावरणीय नैतिकता को कायम रखते हुए, ईएसएल स्टील ने स्थिरता लक्ष्य निर्धारित किए हैं जो 2030 तक हासिल किए जा सकते है।
बोकारो, 20 अगस्त, 2021ः वेदांता ग्रुप की कंपनी और मुख्य राष्ट्रीय स्टील प्लेयर ईएसएल स्टील लिमिटेड ने पर्यावरण संरक्षण एवं स्थायित्व की दिशा में कई प्रयास किए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत ईएसएल ने अपने प्लांट में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगा दी है। इस पहल के तहत ईएसएल अपने प्लांट में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का रीसायकल कर रहा है|
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, बढ़ते प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए ईएसएल सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के उपयोग के खतरों पर लोगों को जागरुक बनाने के लिए व्यापक जागरुकता अभियान का आयोजन भी कर रहा है । इस अभियान के तहत, ईएसएल लोगों से आग्रह कर रही है कि जहां तक हो सके, प्लास्टिक की जगह स्टील का उपयोग करें। बोतल, फर्नीचर, दरवाज़ें, घर/ कार्यालय की एक्सेसरीज़ के लिए स्टील को ही अपनाएं।
‘अनुकरणीय उदाहरणों’ में भरोसा रखने वाली ईएसएल ने सबसे पहले अपने कर्मचारियों के लिए जागरुकता सत्र के साथ इस पहल की शुरूआत की थी। कंपनी ने अपने प्लांट में प्लास्टिक कप का उपयोग बंद कर दिया है और अपने कर्मचारियों को सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए जागरुक बना रही है। प्राकृतिक एवं जैविक सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए ईएसएल ने अपने कर्मचारियों को जूट बैग भी बांटे।
इस अवसर पर एन.एल. वट्टे, सीईओ, ईएसएल स्टील लिमिटेड ने कहा, ‘‘प्रकृति एवं पर्यावरण के लिए चिंतित ईएसएल हमेशा से प्रदूषण एवं ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रयासरत रही है। दुनिया भर में तेज़ी से होते जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र मेरा मानना है कि हर व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदाराना व्यवहार करना चाहिए और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में योगदान देना चाहिए जो प्रदूषण और लैण्डफिल बढ़ने का मुख्य कारण है। इसलिए इस स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर ईएसएल प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और रीसायक्लिंग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, ताकि भारत को स्वच्छ एवं हरित राष्ट्र बनाया जा सके। जैसा कि महात्मा गांधी हमेशा चाहते थे। आने वाले समय में हम ज़िम्मेदार ब्राण्ड बनने के दृष्टिकोण के साथ प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगाने और भारत की अग्रणी स्थायी स्टील प्लेयर बनने की योजना बना रहे हैं।’’
स्टील जगत की इस दिग्गज ने अपने विक्रेता समझौते में एक्टेंडेड प्रोड्युसर रिस्पॉन्सिबिलिटी क्लॉज़ शामिल करने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा ईएसएल ने बाहरी प्लास्टिक एवं पैकेजिंग डिलीवरी में कमी लाने की योजना भी बनाई है।
पर्यावरण और व्यर्थ प्रबन्धन को प्राथमिकता देते हुए ईएसएल ने फ्लाई ऐश की 100 फीसदी उपयोगिता, शून्य लिक्विड डिस्चार्ज और सम्पूर्ण ई-व्यर्थ निपटान को सुनिश्चित किया है। इसने नागरिक विभाग द्वारा ग्रामीण सड़क के निर्माण के लिए एलडी स्लैग के भीतरी उपयोग को भी बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, कंपनी अब तक 1,36,000 पौधे लगा चुकी है।
साथ ही, ईएसएल अपने सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदल रही है और धीरे-धीरे 2025 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। कार्बन फुटप्रिन्ट, जीवाश्म ईधंन तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य के साथ, गणतन्त्र दिवस 2021 के अवसर पर ईएसएल ने एक इलेक्ट्रिक वाहन सब्सक्रिप्शन प्लेटफॉर्म ईवीज़ के सहयोग से अपने अभियान ईएसएल राईड्स ग्रीन के तहत 40 ई-साइकलों और 10 ई-स्कूटरों का लॉन्च भी किया था। वर्तमान में इन ई-वाहनों का उपयोग प्लांट परिसरों में ईएसएल कर्मचारियां द्वारा किया जा रहा है।
By Madhu Sinha
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