जेएमएम के केंद्रीय महासचिव, सह प्रवक्ता श्री सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, आज का दिन आपातकाल का काला अध्याय के रूप में जो लोग देख रहे हैं, उसी तरह अघोषित आपातकाल झारखंड सरकार के साथ तथा 3:30 करोड़ जनता के साथ कल शाम एक निर्णय लिया गया l यूपीए-2 के समय 2013 को देवघर में एम्स बनाने की स्वीकृति दी गई थी जो 2016 से बनना शुरू हो गया और अब बन गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशक ने मुख्यमंत्री जी से समय मांगा कि 15 -16 जून को आप उद्घाटन करेंगे, फिर सूचना मिला कि नहीं अब 26 या 27 जुलाई को उद्घाटन होगा l मुख्यमंत्री के सचिव ने स्वास्थ्य मंत्रालय से निवेदन किया की स्कोर फिजिकली ना करके वर्चुअल उद्घाटन किया जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव श्री एन के झा का पत्र आया की 27 जुलाई को वर्चुअली उद्घाटन होगा, जिसमें दिल्ली से स्वास्थ्य मंत्री झारखंड से मुख्यमंत्री, वहां के लोकसभा सांसद, विधायक सभी लोग वर्चुअल के माध्यम से एम्स का उद्घाटन करेंगे, सारी कार्यक्रम टाइप कर दिए जो वहां जमावड़ा होना था, उसको सीमित कर दिया गया और वर्चुअल माध्यम से उसका उद्घाटन होना था, लेकिन कल अचानक एक चिट्ठी आया 24 तारीख को भारत सरकार के हेल्थ वेलफेयर मिनिस्ट्री का कि 26 तारीख को जो उद्घाटन होना था कुछ circumstances के वजह से होल्ड किया जाता है l यह स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशक के द्वारा भेजा जाता है, लेकिन अगर आप इस पत्र को देखेंगे तो यह डायरेक्टर नहीं इसे आर्थिक सलाहकार ने भेजा है,इनका नाम है नीलम भूत शरण, आर्थिक सलाहकार के द्वारा निर्देशक को रिप्लेस करके कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की गई जो सोशल मीडिया में प्रिंट मीडिया में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जो खबरें छपी । जो गोड्डा के स्थानीय सांसद निशीकांत दुबे जी है उन्होंने इस कार्यक्रम को स्थगित करवा दिया क्योंकि वह वर्चुअल नहीं चाहते थे, वह फिजिकल उद्घाटन में शामिल होना चाहते थे। माननीय सांसद का उद्दंडता हमने पहले भी देखा था जब गोंडा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हो रहा था, उसी उद्दंडता के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री, प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री पर दबाव बनाकर इस कार्यक्रम को स्थगित करवा दिया गया l
श्री सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, क्या सरकार एक लोकसभा सांसद को महिमामंडित करेगी या झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री और यहां की जनता को अपमानित करेगी यह सरकार को तय करना है l यह आपातकाल नहीं तो और क्या है l यह अघोषित आपातकाल हैl जहां पर जमीनें हमारी हम विस्थापित हुए उस जगह से इन योजनाओं के लिए एक एयरपोर्ट के लिए और एक एम्स के लिए, हमने अपने सीने पर कुदालचलवाया, जेसीबी चलवाया, जमीन को खुदवाया, वहां एप्स बना ताकि हमारा इलाज हो पाए, सिर्फ संथाल परगना ही नहीं बगल में गिरिडीह जमुई सब का इलाज होना है, मगर एक लोक सभा सांसद के दबाव में केंद्र सरकार के द्वारा झारखंड सरकार और जनता को अपमानित किया गया। हम प्रधानमंत्री से यही जवाब मांगते हैं कि इस कोरोना काल में अगर हॉस्पिटल पर चिकित्सा पर इस तरह से राजनीति होगी तो हमारा देश का ढांचा कैसे सुरक्षित रहेगा l 2020,1 जनवरी से भारत सरकार इस आदिवासी मुख्यमंत्री को यहां के मूलवासी को एक के बाद एक
अपमानित कर रही है। केंद्र सरकार आदिवासी मुख्यमंत्री को अपमानित कर रही है , इसका यह एक उदाहरण है। दूसरा उदाहरण देवघर का एयरपोर्ट बनकर तैयार है, भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि सावन के महीने के पहले सोमवार को इसका उद्घाटन किया जाए और यह भी मांग करते हैं कि किस का नामकरण बाबा बैजनाथ धाम एयरपोर्ट किया जाए।
अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी झूठ बोलना बंद करें, झूठ बोलने का भी एक सीमा है माननीय प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी, आपके भारत सरकार ने 22 तारीख को एक पत्र भेजा जो यह तय करता है कि मंत्री जी वर्चुअली उपस्थित रहेंगे और आपका सांसद यह जिद करता है कि फिजिकली उपस्थित रहेंगे, झूठ बोलना बंद कीजिए माननीय सांसद महोदय जी,आपके पार्टी के जो संस्कार है बर बस आपके मुंह से निकल जाते हैं। और मैं भारत सरकार के इस कृत्य की कड़े शब्दों में आलोचना करता हूं,निन्दा करता हूं, भर्त्सना करता हूं और उनसे माफी मांगने का मांग करता हूं।
0 टिप्पणियाँ