CHANDANKIYARI : शहीद सदानंद झा स्मारक समिति कि और से सोमवार को 85 वीं जन्म जयंती पर सदानंद झा चौक चन्दनकियारी में उनके चित्र पर श्रद्धांजलि दी गई ।
चन्दनकियारी, बोकारो, झारखंड ।शहीद सदानंद झा स्मारक समिति कि और से सोमवार को सदानंद झा की 85 वीं जन्म जयंती पर सदानंद झा चौक चन्दनकियारी में उनके चित्र पर श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्षता माले नेता दुलाल महतो व संचालन स्मारक समिति के सचिव राजीव रंजन झा ने किया। वहीं स्मारक समिति के संरक्षक जगन्नाथ रजवार ने कहा कि सदानंद झा गोमो में रेलवे के टंडेल के पद पर रहते हुए मजदूर संगठन से जुड़े। और कुछ ही समय में वे मजदूरों के प्रखर नेता बनकर गोमो में वे अपने आंदोलनों की वजह से जाने जाते थे। उनके आंदोलन के बारे में कहा जाए तो उनकी गिरफ्तारी से उनकी रिहाई के लिए महिलाओं ने रेल का चक्का तक जाम कर दिया था। जब तक धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त ने उन्हें बिना शर्त छोड़ा तब तक आंदोलन समाप्त नहीं हुआ। बिनोद बाबू, राय साहब, गुरुजी की अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में सबसे पहले शहीद होने वाले शहीद सदानंद झा ही थे। सदानंद झा की प्रसिद्धि सूदखोरों के विरुद्ध उनके द्वारा फूंका गया बिगुल था। उसी के बाद से वे सुदखोरों के आंखों की किरकिरी बन बैठे 11 मार्च 1974 को उन्हें घर से बुलाकर रेलवे ग्राउंड के पास गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी हत्या के बाद गोमो में दंगा की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसे किसी तरह से प्रशासन ने काबू किया। गोमो में कभी भी किसी नेता की बात उठती है तो सीधे शहीद सदानंद झा की बात आती है। कालान्तर से राज्य आन्दोलन की शहीद से उन्हें गुमनाम रखा गया है। उसके विचारों को आत्मसात कर जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है। सरकार से मांग है कि शहीद सदानंद झा के नाम से राजकीय संस्थानों का नामकरण कर विशेष सम्मान दी जाय। मौके पर नरेश भगत, मानिक महतो, बसंत महाथा, सुबल बाउरी, शान्ति राम रजवार,अशोक रजवार आदि शामिल रहे।
Report By Mahendra Mahato (Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand)
By Madhu Sinha

0 टिप्पणियाँ