GORAKHPUR (UP) : स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास में पत्रकारों का रहा स्वर्णिम योगदान - अजीत यादव । राष्ट्रीय ध्वज हमारे सम्मान का प्रतीक - सेराज अहमद कुरैशी ।

GORAKHPUR (UP) : स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास में पत्रकारों का रहा स्वर्णिम योगदान - अजीत यादव ।

राष्ट्रीय ध्वज हमारे सम्मान का प्रतीक - सेराज अहमद कुरैशी ।

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (रजि.) ने आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय प्रशासनिक कार्यालय-मीडिया हाउस, गाज़ी रौजा, डॉ. अज़ीज़ अहमद रोड, गोरखपुर, उ. प्र. पर मनाया। झंडारोहण मुख्य अतिथि श्री अजीत यादव ब्यूरो चीफ, ए. एन. आई. न्यूज, गोरखपुर राष्ट्रीय को राष्ट्रीय संगठन सचिव अखिलेश्वर धर द्विवेदी ने माल्यार्पण, मंडल अध्यक्ष गोरखपुर रफ़ी अहमद अंसारी ने तिरंगा पगड़ी, रमाशंकर गुप्ता ने तिरंगा पटका और नगर अध्यक्ष गोरखपुर अंशुल वर्मा ने तिरंगा बैच लगाकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि श्री अजीत यादव ने झंडारोहण कर कृतज्ञ राष्ट्र के ज्ञात-अज्ञात अमर बलिदानी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर तिरंगा गुब्बारा को छोड़कर कौमी एकता का संदेश दिया। उपस्थित सभी पत्रकारों ने राष्ट्र गान, राष्ट्र गीत व भारत माता की जय, भारत वीरों की जय, हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने के उपरांत तिरंगे झंडे को  सभी पत्रकार ने सलामी दी। राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रबल करना ही झंडारोहण का मकसद है। 

झंडारोहण में उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री अजीत यादव ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों के योगदान का इतिहास यह है कि समाचारपत्र का संपादक लोगों को प्रेरणा देते-देते ही स्वयं स्वतंत्रता आंदोलन का नेता हो गया या नेता ने अपने विचारों को प्रकट करने और लोगों तक पहुंचाने के लिए समाचार पत्र को माध्यम बनाया और वह पत्रकार बन गया।

श्री अजीत यादव ने आगे कहा कि वर्तमान पीढ़ी उस समय के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भावनाओं, उनके राष्ट्रप्रेम, त्याग और बलिदान के जूनून का संभवत: अनुमान भी न लगा सके कि उन्होंने किस प्रकार धैर्य और साहस के साथ पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन व संपादन किया और उसके लिए कितने आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक कष्ट झेले। अंग्रेजी सरकार की कठोर नीतियों एवं दमन तथा अर्थाभाव के कारण अनेक पत्र-पत्रिकाएं बंद भी होती रहीं परंतु उससे अधिक नए प्रकाशन भी सामने आते गए। समाचार पत्रों के स्वामी और संपादक जानते थे वे फिरंगियों की तोपों का मुकाबला कर रहे हैं और उसके लिए अर्थ दंड, सम्पत्ति की जब्ती, कुछ माह से लेकर वर्षों की जेल, काला पानी और उसके आगे मृत्यु और उसके भी आगे उनके परिवार को सरकार द्वारा निरंतर प्रताडि़त करते रहना भी हो सकता है । इसके लिए पत्रकार सदैव तैयार रहते थे. यथार्थ में उस समय यह कार्य कांटों ही नहीं बल्कि शूलों की सेज से कम नहीं था।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे देश की आन बान शान, एकता, अखंडता और संप्रभुता का भी प्रतीक है। यह हमें स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों के बलिदान की याद दिलाता है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि 15 अगस्त के अवसर पर प्रत्येक घर तिरंगा लहराए और देशभक्ति का संदेश जन जन तक पहुंचे। 

इस अवसर पर मुख्य रूप राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, राष्ट्रीय संगठन सचिव अखिलेश्वर धर द्विवेदी, मंडल अध्यक्ष गोरखपुर रफ़ी अहमद अंसारी, मंडल सचिव डा. अतीक अहमद, जिला महासचिव डॉ. शकील अहमद, मो. आजम, रमाशंकर गुप्ता, हाजी मुख्तार अहमद कुरैशी, श्रवण कुमार गुप्ता, नगर अध्यक्ष अंशुल वर्मा, ख्वाजा जियाउद्दीन, सतीश मणि त्रिपाठी, अजमेर खान, रफीक अहमद, जुबेर आलम, ललित कुमार सिंह, अहमद बशर, डाॅ. वेद प्रकाश निषाद, मेराज अहमद, मोहम्मद अहमद खान आदि पत्रकार गण उपस्थित रहे।




By Madhu Sinha 

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