Ranchi : सत्य और ईमानदारी जीवन के मूलभूत मूल्य - आरएन सिंह ..!!
रांची, झारखंड ।
सत्य और ईमानदारी मानव जीवन के मूल मंत्र हैं। यह हमें जीवन के उद्देश्यों व लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होने में मदद करती है। नैतिक मूल्यों को समझने में भी सहायक होती है।
उक्त बातें एचईसी परिसर के सेक्टर तीन (धुर्वा) स्थित आवास संख्या बी-277 निवासी धार्मिक-आध्यात्मिक विषयों के ज्ञाता धर्मपरायण रविंद्र नाथ सिंह ने गुरुवार को अपने संदेश में कही। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गुरु हमें जीवन के मूल्यों व नैतिकता के बारे में सिखाते हैं। यदि हम अपने जीवन को अधिक सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाना चाहते हैं, तो सत्संग में जाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि सत्संग में शामिल होने से करुणा व प्रेम की भावना जागृत होती है, जो हमें एक दूसरों के साथ जुड़े रहने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने में मदद करती है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने से हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। जिससे हम अपने जीवन के उद्देश्य व लक्ष्य को पाने में सफल हो सकते हैं। जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बना सकते हैं। सत्संग में जाकर आध्यात्मिक गुरुओं के प्रवचन सुनने से हमारे अंदर समुदाय की भावना विकसित होती है। इससे नैतिक मूल्यों का विकास होता है। संतों के प्रवचन सुनने से हमें आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिलता है। सत्य और असत्य में फर्क का पता चलता है। संतों के प्रवचन सुनने से आत्मज्ञान में वृद्धि होती है। इससे जीवन शैली में सुधार होता है। हम अपने जीवन को अधिक स्वस्थ, संतुष्ट और सुखमय बना सकते हैं। इसके अतिरिक्त सत्संग में जाने से हमें नए-नए लोगों से मिलने का भी अवसर मिलता है, जिससे हम अपने सामाजिक दायरे का विस्तार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि अपने जीवन को अधिक सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाना है तो सत्संग में शामिल होने के लिए अवश्य समय निकालें। आध्यात्मिक गुरुओं के प्रवचन को ध्यान से सुनें।इससे आत्म विश्वास जगेगा। नैतिक बल बढ़ेगा। आत्मज्ञान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि मेहनत,लगन, सत्य और ईमानदारी के पथ पर अग्रसर रहें, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
By Madhu Sinha

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