JAMSHEDPUR,JHARKHAND#समय कंस्ट्रक्शन को वित्तीय अनियमितताओं का अड्डा नहीं बनने देंगे - राजेश सिंह..!!
जमशेदपुर, झारखंड ।समय कंस्ट्रक्शन के निदेशकों के बीच गहराए विवाद पर कंपनी के एक निदेशक राजेश कुमार सिंह ने मीडिया के समक्ष कहा कि कंपनी के अन्य निदेशकों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा उन्होंने खोल दिया है।
राजेश सिंह ने बताया कि 28 फरवरी 2025 को कंपनी द्वारा आयोजित अवैध अतिरिक्त-साधारण आम बैठक एवं एक दैनिक अखबार 03-03-2025 के पब्लिक नोटिस के माध्यम से निदेशक पद से हटाए जाने के निर्णय को अस्वीकार करता हूं और इसे गैर-कानूनी करार देता हूं। उन्होंने कहा कि उक्त बैठक न केवल कानून के विपरीत थी, बल्कि इसमें कंपनी अधिनियम 2013 के नियमों का भी घोर उल्लंघन किया गया।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है। बैठक पूरी तरह अवैध थी, क्योंकि मैंने पहले ही 13 फरवरी 2025 के नोटिस के बाद 14 फरवरी 2025 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की थी। इसके बाद 24 फरवरी 2025 को माननीय न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था,
इसके बावजूद, कंपनी के कुछ निदेशकों ने साजिशन 28 फरवरी को बैठक आयोजित कर मुझे और भारती सिंह को निदेशक पद से हटाने का एकतरफा निर्णय लिया। यह न्यायालय की अवमानना है।
कंपनी में वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप
मुझे निदेशक पद से हटाने के पीछे असली कारण कंपनी में करोड़ों रुपये की हेराफेरी को मेरे द्वारा उजागर करना है।
इसी सन्दर्भ में कंपनी के बैंकर एक्सिस बैंक लिमिटेड को भी हमने पत्र दिया था बैंक ऑपरेशन में बदलाव के लिए कि बैंक के किसी भी व्यवसाय में किन्ही दो नहीं अपितु चार निदेशकों (श्री अनूप रंजन , श्री राम प्रकाश पांडेय, श्री राजेश कुमार सिंह और श्रीमती नूतन कुमारी) के हस्ताक्षरों के बाद ही कोई व्यवसाय हो परन्तु इस निवेदन को भी स्वीकार नहीं किया गया।
जब मैंने इस मुद्दे को उठाया और साथ ही साथ किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट / जांच करवाने की मांग के साथ-साथ वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी बनाने की मांग की तो दुर्भावना से ग्रसित होकर मुझे और भारती सिंह को अवैध रूप से हटा देने की एकतरफा साज़िश रची गयी।
उन्होंने कहा कि समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक था और आज भी हूं।
मुझे कंपनी से अवैध रूप से हटाए जाने और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के कारण मैं 50 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए यह सुनियोजित साजिश थी, इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाऊंगा।
श्री सिंह ने कहा कि यह सिर्फ मेरी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं, बल्कि व्यवसाय जगत में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखने का मामला भी है।
मैं पिछले 25-30 वर्षों से समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहारा कंस्ट्रक्शन से भी सिर्फ जुड़ा ही नहीं हूं, बल्कि इस कंपनी का संस्थापक निदेशक ( फाउंडर डायरेक्टर ) भी हूँ। इस कंपनी को स्थापित कर इसे शीर्ष तक पहुंचाने में मेरा और भारती सिंह का अन्य निदेशकों से कहीं ज्यादा योगदान रहा है l इस दौरान मैंने अपनी मेहनत और निष्ठा से कंपनी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन हाल के वर्षों में, कुछ निदेशकों ने मनमाने ढंग से निर्णय लेना शुरू कर दिया और वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त हो गए। जब मैंने इसका विरोध किया, तो मुझे हटाने की साजिश रची गई।
*कानूनी लड़ाई और न्याय की मांग*
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस पूरी प्रक्रिया में कई कानूनी अनियमितताएं भी हुई हैं, जिनके खिलाफ मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा। मैंने इस मुद्दे को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी और स्थानीय थाना प्रभारी को शिकायत दर्ज करा दी है और जल्द ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा। मैं न्यायपालिका से अपील करता हूं कि इस अवैध बैठक को रद्द किया जाए और कंपनी में हुई करोड़ों रुपये की हेराफेरी की निष्पक्ष जांच की जाए।
उन्होंने सभी सहयोगियों, निवेशकों और हितधारकों को आश्वस्त करना किया है कि कंपनी की साख बचाने के लिए जीवन की अंतिम सांस तक प्रयास करूंगा।
By Madhu Sinha
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