DELHI#*राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश में नैनो यूरिया के लाभ से सम्बंधित कृषि मंत्रालय से जानकारी मांगी*। *नैनो यूरिया के उपयोग से कृषि क्षेत्र में 3-8 प्रतिशत से अधिक उपज प्राप्त हुई:- अर्जुन मुंडा* *टॉप-ड्रेसिंग के रूप में नैनो यूरिया के छिडकाव से 25-50 यूरिया की बचत होती है*

 DELHI#*राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश में नैनो यूरिया के लाभ से सम्बंधित कृषि मंत्रालय से जानकारी मांगी*।

*नैनो यूरिया के उपयोग से कृषि क्षेत्र में 3-8 प्रतिशत से अधिक उपज प्राप्त हुई:- अर्जुन मुंडा*

*टॉप-ड्रेसिंग के रूप में नैनो यूरिया के छिडकाव से 25-50 यूरिया की बचत होती है*

        झारखंड़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में अपने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से वर्तमान में देश में नैनो यूरिया (तरल) संयंत्रों और संबंधित नीतिगत नवाचारों से किसानों और कृषि क्षेत्र को होने वाले लाभ से सम्बंधित जानकारी चाही।

       श्री प्रकाश के सवालों का जबाब देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) द्वारा कई स्थानों पर किए गए जैव-प्रभावकारिता परीक्षणों और जैव-सुरक्षा परीक्षण परिणामों के आधार पर, भारत सरकार ने नैनो यूरिया को अंतिम रूप से उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 में नैनो नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में अधिसूचित किया था। नैनो यूरिया के ये प्रायोगिक परीक्षण विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में धान, गेहूं, सरसों, मक्का, टमाटर, पत्तागोभी, ककड़ी, शिमला मिर्च और प्याज जैसी विभिन्न फसलों पर किए गए थे। अध्ययन से पता चला कि नाइट्रोजन की आधारिक मात्रा के साथ टॉप-ड्रेसिंग के रूप में नैनो यूरिया के दो छिडकाव से नाइट्रोजन की पूर्ण अनुशंसित मात्रा के साथ प्राप्त उपज के बराबर उपज प्राप्त हुई जिसमें 3-8% का उपज लाभ और विभिन्न फसलों में 25-50% की यूरिया की बचत हुई।

       इसके अलावा,भारत सरकार ने नैनो डीएपी और नैनो फॉस्फोरस नामक अन्य अभिनव उत्पादों को भी अधिसूचित किया है।


By Madhu Sinha 

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