RANCHI,JHARKHAND#झारखंड के सभी दलित आदिवासी शहरी एंव ग्रामीण क्षेत्रो के बस्तियों,गांवों में राज्य सरकार बुनियादी सुविधा खासकर पीने के पानी हेतू प्राथमिकता के आधार पर कुंवा चापानल ग्रामीण जलापूर्ति योजना एवं नल जल योजना के तहत अविलंब व्यवस्था करे ताकि सिल्ली की तरह कोई घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके ।
उपरोक्त बातें हैं आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज कहीं । उन्होंने आक्रोशपुर्ण शब्दों में कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है राज्य निर्माण के 23 वर्ष बित चुके हैं उसके बाद भी झारखंड के दलित आदिवासी समाज के बस्तियों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव है जिसके कारण आज इन वर्ग के लोगों का जीवन नारकीय हो गया है ।श्री नायक ने आगे कहा कि ट्राईबल सब प्लान एवं शेड्यूल सब प्लान के तहत राज्य सरकार को केंद्रीय मदद आदिवासी एवं दलित वर्गों के विकास के लिए हजारों लाखों करोड़ों रुपए दी जाती हैं मगर पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी भी इनके विकास की राशि को इन वर्गों के विकास में खर्चे ना कर बिजली सड़क स्टेडियम बनाने पर खर्च करती है । इन वर्गों के विकास के फंड को दूसरे मदो में पैसा खर्च किया जाना इनके हक और अधिकार को लूटने समान है । इन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन को ईमेल भेजकर मांग किया की ट्राईबल सब प्लान एवं शेड्यूल सब प्लान के तहत जो राशि इन वर्गों के विकास के लिए दी जाती है वह शत प्रतिशत इन वर्गों के विकास के लिए खर्च की जाए इसके लिए एक सख्त नियम कानून बनाएं और किसी भी हालत मे इन वर्ग के राशि को दुसरे मद में स्थान्तरित करने की परम्परा को बंद किया जाए तथा जो राज्य सरकार विधायक मद में जो फंड उपलब्ध कराती है उसमें भी अनिवार्य रूप से यह नियम बनाएं कि कम से कम विधायक फंड की राशि का 40 % दलित आदिवासी मोहल्लों के बुनियादी तथा आधारभूत संरचना के विकास के लिए खर्च करना अनिवार्य घोषित कर दिया जाय ताकि इन वर्ग के लोगों का समग्र और समुचित विकास हो सके ।
श्री नायक ने आगे कहा कि ग्रामीण विकास विभाग पेयजल एवं स्वच्छता विभाग शहरी विकास विभाग भी यह सुनिश्चित करें की बजट की 25% राशि इन वर्गों के बुनियादी सुविधाओं में खर्च किए जाए और यह अनिवार्य घोषित किया जाए ताकि आज जो आजाद भारत के बाद भी जिल्लत एवं बुनियादी से सुविधाओं के अभाव में जी रहे दलित आदिवासी लोगों का कायाकल्प हो सके और वह भी राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़कर अपना विकास की गति को दे सकें
By Madhu Sinha

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