GORAKHPUR,UP#शहीद-ए-आज़म इमाम हुसैन की कुर्बानियों को किया याद।
दसवीं मुहर्रम को निकला ताजिया का जुलूस।
कर्बला में सुपुर्दे खाक (दफ़न) हुई ताजिया।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मुहर्रम की दसवीं तारीख़ को 'शहीद-ए-आज़म हज़रत सैयदना इमाम हुसैन' व उनके जांनिसारों की शहादत को याद करते हुए सुबह से ही ताजियों के निकलने का सिलसिला शुरु हुआ जो सारी रात तक चलता रहा।
मुहर्रम की दसवीं तारीख को महानगर के सभी इमाम चौकों पर बैठाए गए ताजिया के साथ अकीदतमंदों ने जुलूस निकाला और कर्बला पहुंचकर शहीदाने कर्बला को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के बाद ताजियों को कर्बला में सुपुर्दे खाक (दफ़न) किया। इमाम चौकों पर रखे गए बड़े ताजिया जुलूस में शामिल हुए।
खास तौर से इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों के इसाले सवाब के लिए इमाम चौकों व घरों में क़ुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी हुई। अकीदतमंदों में लंगर बांटा गया। जगह-जगह शर्बत, मीठा चावल, बिरयानी, खिचड़ा बनाया गया और अकीदतमंदों में बांटा गया।
शाम को जिन्होंने दसवीं मुहर्रम का रोज़ा रखा था, उन्होंने मगरिब की अज़ान पर रोज़ा खोला। इसके अलावा घरों व मस्जिदों में नफ़्ल नमाज, कुरआन-ए-पाक की तिलावत, तस्बीह व दुआएं की गई। दरूदो सलाम का नज़राना पेश किया गया।
दसवीं मुहर्रम को मोहल्ला रसुलपुर, जमुनहिया, अहमदनगर चक्शा हुसैन, गोरखनाथ, हुमायूंपुर, रेलवे स्टेशन, जटेपुर, शाहपुर, घोसीपुरवा, अंधियारी बाग, जाफरा बाजार, घासीकटरा, गाजी रौजा, खोखर टोला, रहमतनगर, मिर्जापुर, निजामपुर, चिंगी शहीद, हाल्सीगंज, तुर्कमानपुर, पहाड़पुर, खूनीपुर, इस्माईलपुर, अस्करगंज, मियां बाजार, रूद्रपुर, अलीनगर, इलाहीबाग, मोहनलालपुर, बहरामपुर, सिधारीपुर, धर्मशाला बाजार, छोटे काजीपुर, बक्शीपुर सहित तमाम इमाम चौकों से जुलूस निकले। जुलूस सुबह से ही सड़कों पर दिखाई देने लगे थे।
इमाम चौकों पर रखे गए छोटे-छोटे ताजिया दिन में ही कर्बला में दफ़न कर दिए गए जबकि बड़े ताजियों के जुलूस सारी रात सड़कों पर दिखाई दिए। देर रात निकलने वाली लाइन की ताजिया का जुलूस मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। यह जुलूस गोलघर, घंटाघर, रेती, नखास, बक्शीपुर, होते हुए वापस इमाम चौकों पर गया। सभी इमाम चौकों से जुलूस निकलकर बक्शीपुर पहुंचे। वहां से अलीनगर, बेनीगंज, ईदगाह रोड, जाफ़रा बाजार होते हुए कर्बला पहुंचे। ताजिया दफ़न करने के बाद जुलूस पुन: अपने-अपने इमाम चौकों पर पहुंचकर समाप्त हुआ। सभी जुलूसों का नेतृत्व इमाम चौकों के मुतवल्लियों ने किया। जुलूस का केंद्र नखास चौक रहा।
ताजिया व रौशन चौकियों में देश और दुनिया की झलक देखने को मिली। गेहूं की ताजिया ने भी लोगों का ध्यान खींचा। जुलूस के दौरान लोग ताजिया व रौशन चौकी की फोटो व वीडियो अपने मोबाइल में कैद करते नजर आए। जुलूस में शामिल अलम, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, सद्दे, ऊंट, घोड़े और ढ़ोल-ताशे भी लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। जुलूस का कई जगह इस्तकबाल किया गया। बेहतरीन ताजिया, जुलूस व अखाड़ों को पुरस्कृत किया गया।
मियां बाज़ार स्थित इमामबाड़ा मेले में खूब चहल-पहल रही। सड़कें अकीदतमंदों से पटी नजर आईं। देर रात तक हलुआ पराठा वगैरा की दुकानें खुली रहीं। महिलाएं, बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग सभी ने जुलूस व मेले का भरपूर लुत्फ उठाया। जुलूस में नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, नारा-ए-हैदरी या अली और या हुसैन, या हुसैन, 'शोह-दाए-कर्बला' ज़िंदाबाद, 'हिन्दुस्तान' जिंदाबाद आदि नारे भी खूब लगे।
Report By Seraj Ahmad Quraishi (Gorakhpur, Uttar Pradesh)
By Madhu Sinha






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