PATNA, BIHAR#बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों एवं भारत की संपत्तियों को बेचने की सेल:-- विशु विशाल यादव

PATNA, BIHAR#बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों एवं भारत की संपत्तियों को बेचने की सेल: विशु विशाल यादव 

पटना। वित्त वर्ष 2021-22 के ​लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट  पेश कर दिया  है. इस पर  राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया दे रहें है. युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव विशु विशाल यादव लगातार  इस बजट की जमकर आलोचना करते नजर आ रहें है .विशू विशाल यादव ने बजट  को लेकर कहा कि यह देश बेचने वाला बजट है. यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों एवं संपत्तियों को बेचने की सेल थी. रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट,लाल किला, बीएसएनएल, एलआईसी बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़कें, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई सभी मोदीनामिक्स हो गए है .

 इस बजट से आम नागरिक और देश की जनता निराशा है. जबकि जहां-जहां चुनाव हैं वहां चीख-चीख कर नाम लिया गया है.

एयरपोर्ट का भारत सरकार ने जीर्णोंद्धार कराया और फिर बाद में सस्ते दामों पर बेच दिया। इसी प्रकार आगे भी होगा। अभी इंफ्रास्ट्रक्चर में बजट बढ़ाने की बात कही गई है। साफ तौर पर दमभर लेन-देन की बातें होंगी।

विशु विशाल ने ये भी कहा कि एलआईसी बिकने के कगार पर है। बहुत जल्द इसकी सूचना मिलेगी। देश की सारी संपत्तियां बेचकर भाजपा करीब 5000 करोड़ की कंपनी बन गई है। यह बजट बिल्कुल प्रधानमंत्री के मन की बात की तरह है। केंद्र को जनमानस के मन और भावना से कोई लेना-देना नहीं है और न ही देश की भावनाओं का सम्मान करना है।बजट काल्पनिक साहित्य जैसा है। पहले दो करोड़ नौकरियों की बात थी, अब 60 लाख बजट में बात की गयी है, जबकि हकीकत है कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों ने 2020 में 6.4 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी में ढकेल दिया है बहुत हो-हल्ला हो रहा था कि कोरोना के बाद ऐसा बजट होगा जो देश का कायाकल्प हो जायेगा। यह कह सकते है कि आमलोग और गरीब होंगे। महंगाई से त्रस्त जनता को राहत कैसे मिले, किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई दी है।

विशु विशाल यादव ने  ने कहा है कि सच्चाई यह है कि सालाना प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में गिरावट आयी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 175,89 से गिरकर 16,975 रुपये हो गया है।

वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 80 करोड़ लोग सरकारी मुफ्त अनाज पर आश्रित हैं, उनको गरीबी से उठाने का कोई स्पष्ट विजन नहीं दिखा। आर्थिक सर्वे के अनुसार, सरकार की आय में जबरदस्त उछाल देखा गया। वर्ष 2020 की तुलना में 64.9 प्रतिशत राजस्व में बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुसार 2021 के दौरान भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय घट गई।


By Madhu Sinha

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