JHARKHAND#*गंगा ऑर्गेनिक कृषि कॉरिडोर की तरह झारखंड की नदियों के किनारे भी ऑर्गेनिक कॉरिडोर विकसित हो* सरयू राय के दिखाए मार्ग पर ही विकसित हो सकता है झारखंड।

JHARKHAND#*गंगा ऑर्गेनिक कृषि कॉरिडोर की तरह झारखंड की नदियों के किनारे भी ऑर्गेनिक कॉरिडोर विकसित हो* सरयू राय के दिखाए मार्ग पर ही विकसित हो सकता है झारखंड।

भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष-सह-मुख्यालय प्रभारी, श्री वीरेंद्र कुमार सिंह ने आज एक बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय बजट, 2022-23 में केंद्र सरकार का जोर मौजूदा आर्थिक पुनरुद्धार को गति देना है, अगर यह धरातल पर उतरता है तो बहुत ही प्रशंसनीय होगा । केंद्रीय वित्त मंत्री के इस बयान पर कि गंगा नदी के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस आलोक में उन्होंने कहा सिर्फ गंगा नदी के किनारे ही क्यों, ऐसा  दामोदर, बड़ाकर, कोयल और स्वर्णरेखा समेत झारखण्ड की प्रमुख नदियों के किनारे भी ऑर्गेनिक कृषि कॉरिडोर विकसित होना चाहिए। भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संरक्षक श्री सरयू राय ने अपना पूरा जीवन नदियों, जलाशयों को बचाने में लगा दिया। आज झारखंड की कई जलाशयों एवं नदियों की अस्मिता श्री सरयू राय के अथक प्रयास से बची हुई है। मुख्यालय प्रभारी ने बताया कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने वाला एक प्रमुख औजार है। खासतौर से भूमिहीन श्रमिकों और सीमांत किसानों के लिए यह एक वरदान है। आर्थिक विशेषज्ञों की सलाह एवं मांग के बावजूद इसके बजट में कटौती की गई है। इस बार यानी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मनरेगा के मद में 73000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह बीते वित्त वर्ष के संशोधित बजट 98000 करोड़ रुपए से 25.5 फीसदी कम है। कोरोनाकाल के तीसरे चरण में जब रोजगार संकट चरम पर है और लोगों की जेबें खाली हैं तब गांवों में श्रमिकों का सहारा बनने वाले महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) में लगातार दूसरे वर्ष बजट प्रावधान में कटौती की गई है। बजट कम होने का सीधा मतलब श्रमदिवस के कम होने और रोजगार के अवसरों में कमी से भी है। बजट मे रोजगार के लिए नए आंकडे पेश किए गए हैं। इसलिए इसकी ठोस कार्य योजना  भी बनाई जाय।  

श्री वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 7 साल में केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा दोगुना हो गया है। ये देश के लिए चिंता की बात है इस बजट के बाद ये घाटा और बढ़ने वाला है। श्री सिंह ने केंद्रीय बजट में आम आदमी, गरीब तबका, महिलाओं एवं वंचित वर्ग के लिए विशेष प्रावधान लागू करने की मांग भारत सरकार से की।


By Madhu Sinha

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