RANCHI, JHARKHAND#रांची के अधिकत्तर अस्पताल प्रबंधन आपने यहां भर्ती मरीज़ों को सरकारी आदेशानुसार भी ब्लड सुनिश्चित नही कराते प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स एव स्वास्थ्य विभाग संज्ञान लें-----लहू बोलेगा

RANCHI, JHARKHAND#रांची के अधिकत्तर अस्पताल प्रबंधन आपने यहां भर्ती मरीज़ों को सरकारी आदेशानुसार भी ब्लड सुनिश्चित नही कराते प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स एव स्वास्थ्य विभाग संज्ञान लें-----लहू बोलेगा

स्वास्थ्य विभाग झारखंड के संबंधित अधिकारियों के असंवेदनशील-गैरजिम्मेदार रवैये के कारण रांची के आज भी अधिकत्तर बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम प्रबंधन आपने यहां भर्ती मरीजों को आज भी ब्लड उपलब्ध नही करा रहें है.

स्वास्थ्य विभाग झारखंड के द्वारा 2018 से 4 आदेश सरकारी एव कॉरपोरेट हॉस्पिटल/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम/ब्लड से संबंधित है,मग़र असंवेदनशील-गैरजिम्मेदार सरकारी-नीजि संबंधित जिम्मेदारों में कोई फ़र्क नही पड़ा है,इससे प्रतीत होता है कि जिम्मेदार सरकारी बाबुओं का नीजि हॉस्पिटलों से बहुत याराना हो चुका है इस हालत में "सांईया भईये कोतवाल तो डर कहे का" जैसी स्थिति दिख रही है,रिम्स की भी स्थिति भर्ती मरीज़ों को लेकर ठीक नही है,जबतक के प्रभारी रिम्स ब्लड बैंक की कृपा दृष्टि न हो जाए तब तक भर्ती मरीजों को ब्लड नही मिलता,रिम्स में दो वर्ष पूर्व छात्रा विद्यावती कुमारी(उम्र 12,बेतला) की असामयिक- कुव्यवस्था में ब्लड नही देने की वजह से मौत हो गई थी,मगर आज भी व्यवस्था में सुधार नही है.

अधिकत्तर कॉरपोरेट/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम में थैलीसीमिया-एनीमिया-गंभीर ब्लड रोग समेत रेयर ब्लड ग्रुप की वजह से ब्लड के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा परेशान तो किया ही जाता है यहां तो नार्मल ब्लड ग्रुप भी अधिकत्तर अस्पताल प्रबंधन द्वारा नही दिया जाता है.

कॉरपोरेट/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम में भर्ती मरीज़ों को अगर खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है तो वह मरीज़ या मरीज़ के परिजनों पर खून की व्यवस्था करने को कह कर छोड़ देते है,अधिकत्तर मरीज़ या मरीज़ के परिजन ब्लड डोनेट का इंतेज़ाम भी करते है,मग़र जिनके पास कोई ब्लड डोनर की व्यवस्था नही है उनको ऐसे ही छोड़ दिया जा रहा है.

जबकि स्वास्थ्य विभाग,झारखंड सरकार का आदेश है कि कोई अस्पताल/नर्सिंग होम में भर्ती मरीज़ को अगर ब्लड की जरूरत होगी तो वह अस्पताल/नर्सिंग होम प्रबंधन ख़ुद करेगा,इसके लिए वह जगह-जगह आपने स्तर से रक्तदान शिविर लगाए,ब्लड बैंक की व्यवस्था करें,भर्ती मरीज़ों को ब्लड दें एव अन्य...मगर ऐसा नही करने पर विभागीय-क़ानूनी कार्रवाई होगी,जिसमें हॉस्पिटल/नर्सिंग होम का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

मगर इस आदेश को 3 साल हो चुके है(3 साल में 4 आदेश स्वास्थ्य विभाग झारखंड द्वारा) फ़िर भी अधिकत्तर बड़े कॉरपोरेट अस्पताल/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम प्रबंधन का कोई असर नही है,और न ही स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं पर.

लहू बोलेगा संस्था/ वोलेंटेरी ब्लड ऑर्गनाइज़र/मरीज़ के परिजनों को रोजाना रिम्स/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम प्रबंधन से दो चार होना पड़ता है,मग़र सुधार की स्थिति नही है.

आज भी समाज एव मरीज़/मरीज़ के परिजनों को सरकारी बाबुओं,हॉस्पिटलों द्वारा यह पता भी नही चलने दिया गया कि अस्पताल प्रबंधन को ही ब्लड देने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है.

                  नदीम खान(संयोजक,लहू बोलेगा)


लहू बोलेगा संस्था की मांग:--

1.स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार के संबंधित जिम्मेदार से मांग करती है कि रिम्स/कॉरपोरेट हॉस्पिटल/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम प्रबंधन आपने यहां भर्ती मरीज़ों को ब्लड खुद सुनिश्चित कराएं,न कि उसे दर दर भटकने के लिए छोड़ दें.भर्ती मरीजों को ब्लड नही देने वालों अस्पताल प्रबंधन पर कठोर विभागीय-क़ानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.(स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार के आदेश अनुसार)

2.प्रधानसचिव,स्वास्थ्य विभाग झारखंड समेत असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी रांची के आदेश का पालन कराया जाए.(पत्रांक-06/288/JSACS/18 दिनांक -24.08.2018 एव 542/JSACS/18  दिनांक-20.11.2018 समेत पत्रांक- 1215 दिनांक-16.04.2019) सहित सभी हॉस्पिटल एव दैनिक समाचार पत्रों से जनहित में सार्वजनिक किया जाए.

3.कॉरपोरेट हॉस्पिटल/नीजि हॉस्पिटल/नर्सिंग होम एव रिम्स में भर्ती मरीज़ों को ब्लड नही मिलने से अगर मरीज़ की मौत होती है तो अस्पताल प्रबंधन पर हत्या का मुकदमा दर्ज़ किया जाए.

4.रक्तदान से संबंधित विभागीय जिम्मेदार पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए एव रक्तदान शिविर को प्रोत्साहित किया जाए.

5.स्वास्थ्य विभाग झारखंड रक्तदान से संबंधित नीजि अस्पताल प्रबंधन पर आएं आदेश को सार्वजनिक कर प्रचारित किया जाए एव नागरिकों को रक्तदान के लिए राष्ट्रीय एव क्षेत्रीय भाषाओं में प्रेरित कर त्वरित प्रचारित-प्रसारित किया जाए.

6.सिविल सर्जन एव प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स  रिम्स एव कॉरपोरेट हॉस्पिटल/नीजि हॉस्पिटल एव नर्सिंग होम में ब्लड से संबंधित मामलें पर साप्ताहिक निरीक्षण सुनिश्चित करें.


By Madhu Sinha

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