DHANBAD# खूब लड़ी मर्दानी, वह तो निशा दीदी थी --- पीके पासवान।
डूबते हुए को तिनके का सहारा बना समूह, जंगल में लकड़ी काटकर चूड़ियों का व्यापार कर गरीबी की तंगहाली से आज अपने पति देव साधन आचार्य का मान सम्मान ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार को तंगहाली से खुशहाली में बदल देने वाली। ऐसे महान महिला धनबाद जिले के कलियासोल प्रखंड के रहने वाली निशा आचार्य को ढेर सारी शुभकामनाएं और उनके हौसले को सलाम दलित इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेयरमैन डॉ जितेंद्र पासवान और डिप्टी चेयरमैन पीके पासवान की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं और सलाम.
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली निशा दीदी थी.
उक्त बातें दलित इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के डिप्टी चेयरमैन पीके पासवान ने पब्लिक 24 के झारखंड स्थानीय संपादक प्रमोद पासवान से कही.
उन्होंने कहा कि निशा दीदी से हम सभी और युवा साथी और महिलाओं व पुरुषों को प्रेरणा लेना चाहिए उनके संघर्षों से सीख लेना चाहिए कि दुख में इंसान कभी भी नहीं हिम्मत हारे बल्कि हौसला बुलंद रखें और उससे लड़ाई लड़े ऐसा कर दिखाया कलियासोत प्रखंड निवासी निशा दीदी ने जो अपने पति देव साधन आचार्य कि मान सम्मान को ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपने परिवार को गरीबी की तंगहाली से हरियाली की ओर ले कर आया.
बिहार के डीआईए के पदाधिकारी प्रमोद कुमार पासवान, झारखंड के पदाधिकारी मुकेश कुमार पासवान जनरल सेक्रेटरी अनुपा पन्ना एवं अर्चना जी ने निशा दीदी को हौसले को सलाम किया. और लोगों को उनसे प्रेरणा लेने की सीख की बात कही.
उन्होंने कहा की समूह का सहारा लेकर छोटा-छोटा लोन लेकर चूड़ियों का व्यापार कर अपने परिवार का भरण पोषण कर आज अच्छे मुकाम तक पहुंच गई निशा दीदी.
Report By Pramod Paswan (Local Editor, Jharkhand)
By Madhu Sinha

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