कवि सम्मेलन से अपने अतीत से परिचित होते हैं आज के लोग - डॉक्टर सत्या पांडेय । सजा के अपने घर में गीता और कुरान रखते हैं - मिन्नत गोरखपुरी।

 कवि सम्मेलन से अपने अतीत से परिचित होते हैं आज के लोग - डॉक्टर सत्या पांडेय ।

सजा के अपने घर में गीता और कुरान रखते हैं - मिन्नत गोरखपुरी।


कुशीनगर, उत्तर प्रदेश।

फ्यूचर इंडिया डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सद्भावना एवं भाईचारे के स्थापना के लिए कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन होटल रेडियंस पैराडाइज पडरौना रोड कसया कुशीनगर में आयोजित किया गया।

डॉक्टर सत्या पाण्डेय, डॉक्टर सौरभ पाण्डेय, डॉक्टर संतोष कुमार वर्मा, डॉ विनय श्रीवास्तव, मेराज आलम, डॉक्टर एहसान अहमद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर शहर की पूर्व मेयर डॉक्टर सत्या पाण्डेय ने कहा कि कवि सम्मेलनों से अपने अतीत से परीचित होते हैं आज के लोग।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धराधाम प्रमुख डॉक्टर सौरभ पाण्डेय ने कहा की इस तरह के आयोजन आज के दौर में आपसी सद्भावना के लिए सूत्रधार का कार्य करते हैं।

विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद शायर डॉ एहसान अहमद ने कहा ऐसे आयोजनों से युवाओं को अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलता है।

विशिष्ट अतिथि डॉक्टर संतोष कुमार वर्मा, डॉ विनय श्रीवास्तव, मेराज आलम ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।

कार्यक्रम के संयोजक नूरुलऐन वारसी ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना और अपने जिले के पत्रकारों पूर्व सैनिकों और समाजसेवियों का सम्मान करके उनका हौसला बढ़ाना है।


कार्यक्रम का संचालन करते हुए जैसे ही मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा

सजा के अपने घर में गीता और कुरान रखते हैं,

जहां पर राम रखते हैं वहीं पर रहमान रखते हैं।।

लोगों ने खूब तालियां बजाई और उनका अभिवादन किया।

अर्शी बस्तवी ने पढ़ा__

ख़्वाब शोहरत के देखने वालो,

शोहरतें  दुश्मनी  बढ़ाती  हैं।।

डॉक्टर सौरभ पाण्डेय ने पढ़ा___

मैं अकेला हूं मिलन का,

आस लेकर क्या करूँगा ।।

आरके भट्ट बावरा ने पढ़ा__

जितनी भी कहानी पढा -सुना, राजा- रानी का होता है।

कोई उनकी भी तो बात करे ,जो शाम को भूखा सोता है ||

सुम्बुल हाशमी ने पढ़ा___

मैं तेरी ज़ातसे उम्मीद बहूत रखता हूं,

रास्ता सीधा चला मुझको चलाने वाले।।

सबरी निजाम ने पढ़ा___

हम न कह पाए जो आपके सामने,

आप से कह रही है हमारी ग़ज़ल।।

मिर्जा गालिब कुशीनगरीनगरी ने पढ़ा____

किसी के चाहने पर भी बुराई हो नही सकती,

खुदाई दावा करने से खुदाई हो नही सकती ।।

साथ ही साथ अब्दुल वकार, भावना द्विवेदी, हाजी जलालुद्दीन कादरी, मोहम्मद आकिब ने भी काव्य पाठ किया।

इस अवसर पर मोहम्मद फुरकान अंसारी, अनायतुल्लह वारसी, नुरुल हुदा,वलीउल्ला खान, महफूज चुनना, उजैर रिंकू, आर्यन परवेज, इम्तियाज हुसैन, मुस्ताक वारसी, आमिर खान , अब्बास अली आदि मौजूद रहे।

इस अवसर पर पूर्व सैनिक शमसुद्दीन, समाजसेवी परवेज आलम, उमर अंसारी, मोइनुद्दीन अंसारी, आशीक अली, गुफरान बक्शी, जावेद आलम, दुर्गेश जायसवाल, जहांगीर सिद्दीकी, सैफ लारी, सेराज अहमद कुरैशी, तोहिद अली आदि को सम्मानित किया गया।


अंत में कार्यक्रम के संयोजक नुरुलऐन  वारसी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।।


By Madhu Sinha

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