आज दिनांक *15/09/21* दिन बुधवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में *भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा* के *राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निखिल आनंद* ने सांगठनिक बैठक को सम्बोधन से जिला प्रभारी और जिला अध्यक्ष की बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन किया।
बैठक के बाद महामंत्री डॉ निखिल आनन्द ने *प्रेस कांफ्रेंस* करते हुए कहा कि राज्य के विकास विरोधी और धार्मिक तुष्टिकरण करने वाले हेमंत सरकार के विरुद्ध भाजपा द्वारा संवैधानिक तरीके से विधानसभा घेराव का वृहत आयोजन किया गया था जिसमें भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा कार्यकर्ताओंपर बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहे कि किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की पिटाई करना लोकतंत्र की हत्या है। सरकार ने अलोकतांत्रिक और अनैतिक कार्य किया है। राज्य की यह विकास विरोधी हेमन्त सरकार भष्टाचारी कॉंग्रेस व राजद की गोद में बैठ के अपने को पाक साफ कहती है जो कतई शोभनिय नही है।
यह हेमन्त सरकार महिला, किसान, युवा , ओबीसी व दलित समाज विरोधी है, इनकी रवैया एकदम ही एक विशेष समुदाय को खुश करने की है। यह सरकार केवल धार्मिक तुष्टिकरण कर रही है जो लोकतंत्र के लिए खतरा प्रतीत होता है।
काका कालेकर की रिपोर्ट व मण्डल आयोग की रिपोर्ट के बाद या कहे तो देश की आजादी के 70 सालों के बाद पहली बार केंद्र की भाजपा की नरेंद्र मोदी की सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के काम किया है और पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में ओबीसी के 27 मंत्री को शामिल किया गया है। भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने ओबीसी समाज को सम्मान देने का कार्य किया है और झारखंड राज्य से भी ओबीसी समाज से एक महिला को केंद्र में मंत्री बनाया गया है इसके लिए राज्य की ओबीसी समाज मोदी सरकार को धन्यवाद करती है।
राज्य के हेमन्त सरकार द्वारा ओबीसी समाज के खिलाफ उदासीनता व वादा खिलाफी का विरोध में व 27 प्रतिशत आरक्षण नही देने का विरोध करते है तथा पूर्व में रघुवर दास की सरकार में शुरू हुए ओबीसी सर्वे को भी सत्ता में आने के साथ बंद कर दिया। राज्य में ओबीसी समाज के लगभग 52 प्रतिशत से अधिक है जो इसे बर्दाश्त नही करेगी। इसलिए राज्य सरकार जल्द से जल्द 27 प्रतिशत आरक्षण दें। जेएमएम ,कॉंग्रेस व राजद के लोगों से मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर 2011 में जातिगत जनसंख्या जनगणना सर्वे सेंसेक्स बिल में फेरबदल कर जातिगत जनगणना को हटा कर कैसे आखिर 55 हजार करोड़ रुपये के पैसे का बंदरबांट NGOs वैगरह को देकर किया इसकी भी उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। ये गठबंधन जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम करती है लेकिन अब जनता इनके झांसे में आने वाली नही है जनता अब सब समझ चुकी है।
By Madhu Sinha


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