झारखंड जगुआर कैम्प परिसर में पदाधिकारी/कर्मियों के द्वारा 10,166 विभिन्न प्रकार के प्रजाति के वृक्षों का रोपण किया गया।
02/09/2021 को झारखंड जगुआर कैम्प परिसर में श्री संजय आनंद लाठकर, अपर पुलिस महानिदेशक (अभि०), झारखंड, रांची, श्री होमकर अमोल विनुकान्त, पुलिस महानिरीक्षक (अभि०)-सह-झारखंड जगुआर (एस०टी०एफ०) रांची, श्री अनूप विरथरे, पुलिस उपमहानिरीक्षक , झारखंड जगुआर (एस०टी०एफ०) , रांची- सह- विशेष शाखा, झारखंड, रांची, कर्नल जे०केे० सिंह, पुलिस अधीक्षक ( प्रशिक्षण), श्री संजय मुकुल किस्पोट्टा, पुलिस अधीक्षक (अभि०), श्री शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल, पुलिस अधीक्षक (प्रशा०), श्री अजीत पीटर डुंगडुंग, पुलिस अधीक्षक, जे०जे० (एस०टी०एफ०), रांची एवं झारखंड जगुआर के समस्त पदाधिकारी/कर्मियों के द्वारा 10,166 विभिन्न प्रकार के प्रजाति के वृक्षों का रोपण किया गया। जैसे- बरगद, पाकड़, पीपल, अमरुद, गुलमोहर, जामून, आंवला,चन्दन, रुद्राक्ष,बेल,शीशम, अशोक,नीम, पपीता, सागवान इत्यादि।
आपको बता दें कि झारखंड जगुआर (एस०टी०एफ०), रांची का मुख्यालय टेण्डरग्राम, रातू, रांची में अवस्थित है। जब झारखंड जगुआर को वर्तमान भूमि आवंटित की गई थी, तब झारखंड जगुआर के पूरे परिसर में मात्र एक बरगद का पेड़ था, एवं चारों तरफ से पत्थर ही पत्थर से भरा हुआ था। यहां बैठने योग्य कोई छायादार स्थान नहीं था, परंतु झारखंड जगुआर के कर्मियों के द्वारा विगत 10 वर्षों में सतत रूप से वृक्षारोपण कर झारखंड जगुआर परिसर को हरा-भरा करने का काम किया है। वर्तमान में पूरे झारखंड जगुआर परिसर में लगभग डेढ़ लाख से अधिक पेड़ लगाया जा चुका है। इस वर्ष भी मई के प्रथम सप्ताह में विभिन्न प्रजातियों का लगभग 72,00 पेड़ लगाया जा चुका है।
पूर्व में झारखंड जगुआर परिसर में जलस्तर काफी नीचे था, जिससे लगभग 34 बोरिंग कराया गया था, लेकिन इसके बाद भी पीने योग्य पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता था। वन एवं पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए के परिसर में कुल 9 तालाब का निर्माण कराया गया, जिसमें वर्षा के पानी को संग्रहित करने से यहां के पानी का जलस्तर काफी अच्छा हो गया है। समय-समय पर वृक्षारोपण के कारण वर्तमान में झारखंड जगुआर परिसर के चारों तरफ हरियाली छाई हुई है। परिसर एक रमणीक स्थल के रूप में परिणत हो चुका है। यहां के दृश्य काफी आकर्षक हैं। इसका कारण है कि झारखंड जगुआर परिवार के कर्मियों के अथक प्रयास से इस बंजर भूमि को हरियाली क्षेत्र के रूप में परिणत किया जा सका है, जो एक उदाहरण माना जा सकता है।
अतः झारखंड जगुआर परिवार, झारखंड प्रदेश के वासियों से अपील करती है कि अपने आसपास के बंजर भूमि पर आपसी समन्वय एवं सहयोग से वृक्षारोपण/संरोपन कर झारखंड प्रदेश को हरियाली क्षेत्र के रूप में परिणत करने का प्रयास करें, ताकि पर्यावरण के संतुलन में अपना योगदान दे सकें।
By Madhu Sinha
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