रघुवर जी आपके प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गीदड़ भभकी देने से, नीतियों को लटकाने के उद्देश्य से हम नहीं डरते हैं --- श्री सुप्रियो भट्टाचार्य।
रांची। श्री सुप्रियो भट्टाचार्य (केंद्रीय महासचिव,सह प्रवक्ता जेएमएम), ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत के उड़ीसा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, राजस्थान, गुजरात, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश यह सभी राज्य विश्व के आदिवासी समुदाय के साथ साथ यहां के आदिवासी मूलवासियों का देश है। झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को भगवान बिरसा मुंडा के जयंती के शुभ अवसर पर हुआ, किस राज्य के गठन के पीछे का मूल मंत्र था, आदिवासी मूलवासी का पहचान। उनके सम्मान और अधिकार की रक्षा के साथ साथ देश की प्रगति में उनका वृहत योगदान रहा, चाहे वो सेन्य क्षेत्र में हो या उत्पादन के क्षेत्र में या जनसंपदा के क्षेत्र में हो। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ बहुत सारे नेता गण हैं, जिसने अपनी शहादत दी, कुर्बानियां दी, उसके फल स्वरुप इस राज्य का गठन हुआ। भाजपा ने इस राज्य के पहचान बदलने की बहुत कोशिश की, वनांचल का नाम दिया था। 7 अप्रैल को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई एवं तत्कालीन उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी के समक्ष गुरु शिबू सोरेन ने संसद में जाकर कहा कि हम लोगों का पहचान मत बदलिए, बहुत लंबे समय के संघर्ष, त्याग और कुर्बानी के बाद तैयार हुए हैं, इस राज को अलग करने के लिए और बिहार विधानसभा में भी राज्य पुनर्गठन का जो प्रस्ताव पेश किया था उसमें भी झारखंड नाम दिया गया था। तब जाकर अटल बिहारी वाजपेई और आडवाणी जी ने इस राज्य का नाम झारखंड किया इसके लिए उनको आभार।
श्री भट्टाचार्य जी ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भ्रम फैलाते हुए कहां आदिवासी और मुलवासियो को ठगा गया है, मुझे नहीं मालूम ऐसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति कैसे भ्रम फैला सकते हैं यह अकल्पनीय है, रघुवर जी आपको याद दिला दें 514 आदिवासी मूलवासी यूवकों को फर्जी नक्सल बताकर दिग्दर्शन नामक संस्था द्वारा सेरेंडर करवाने का खेल किया गया। रमन सरकार 2014 में उस पर सीबीआई जांच के अनुशंसा करती हैं, 2015 में रघुवर सरकार हाई कोर्ट में हलफनामा दायर करती है कि इसमें सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है,इसकी जांच हमारी स्टेट एजेंसी कर लेगा। आपने कहा कि हिंदी भाषा को निकाल दिया गया है, हिंदी क्षेत्रीय भाषा नहीं बल्कि देश की राष्ट्रभाषा है, सारे परीक्षाएं हिंदी में ही होगी तो आप कैसे हिंदी को क्षेत्रीय भाषा में ला सकते हैं। रघुवर जी सैकड़ों आदिवासी मूलवासी युवकों को नक्सली या अपराधी बताकर आपके पुलिस ने हत्या की थी। जो नियोजन नीति पास हुई है उसमें रघुवर जी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का कोई भी आदिवासी मूलवासी खिलाफ नहीं बोल सकता। आप कहते हैं कि लाखों की नौकरी दिए हैं लाखों की नौकरी में पुलिस हो, चाहे शिक्षक हो। 927 संस्कृत शिक्षकों का जो नौकरी हुआ था, जिसमें मात्र 7 झारखंड के थे, बाकी 920 में बनारस और बिहार के थे।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने कोरोना के गाइडलाइन को देखते हुए आदिवासी दिवस के कार्यक्रम को संक्षिप्त रूप से किय, जिसमें किसानों के लिए केसीसी और पशुधन योजना के तहत तोहफा देने का काम किया। रघुवर दास जी का उत्सव का मतलब चॉकलेट होता है, मुंबई का कलाकार का नाच गान होता है।
अंतिम में उन्होंने कहा कि कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और केन्द्रीय नेतृत्व से यह कहना चाहूंगा कि इस राज्य के लोग बहुत ही शांत है, लेकिन इसी राज्य के लोगों ने ही ब्रिटिश हुकूमत को बताया था कि हमारे संस्कृति,जमीन,पहचान के साथ छेड़छाड़ करोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं। आपके प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गीदड़ भभकी देने से और नीतियों के लटकाने के उद्देश्य से हम नहीं डरते। आप आजाद हैं आपको कोर्ट जाना है तो जाइए।
By Madhu Sinha


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