देश में सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति के खिलाफ आजादी और एकता के लिए शहीद खुदीराम बोस और देश के प्रसिद्ध शायर राहत इंदौरी को आज AIPF, माले और मासस ने संयुक्त रूप से याद किया।

 देश में सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति के खिलाफ आजादी और एकता के लिए शहीद खुदीराम बोस और देश के प्रसिद्ध शायर राहत इंदौरी को आज AIPF,माले और मासस ने संयुक्त रूप से याद किया।


 आज शायर राहत इंदौरी और शहीद खुदीराम बोस को एक मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके दिए नारों की लिखी तख्तियां लेकर अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया गया । 9अगस्त को दिल्ली के संसद मार्ग पर देश जोड़ो के नाम किए भड़काऊ प्रदर्शन से  देश की आजादी और एकता मजबूत नही बल्कि कमजोर होगा। केन्द्र सरकार ऐसे अपराधी हुडदूंगियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। इस मौके पर मौजूद एआइपीएफ के नेता कुमार वरुण ने कहा राहत इंदौरी साहब के शायरों का स्मरण करते हुए कहा "सभी का खून शामिल है इस मिट्टी में_ किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है" उन्होंने आगे कहा की किसान को आंदोलन के लिए 200 संख्या की पाबंदी और हुड़दूंगियों के लिए 1000 लोगों की गोलबंदी की छूट दिल्ली पुलिस व्यवस्था की निकम्मापन को साबित करता है। जिसका जवाब मोदी सरकार को देना होगा। भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा देश जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल केंद्र सरकार  चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक उन्माद का खूनी खेल खेल रही है । यह देश जोड़ो अभियान नहीं  बल्कि हिंसक नारे लगाने वाले उपद्रवी देश के लोकतंत्र और संविधान विरोधी हैं। केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा की साझी विरासत हमारी देश की शान है इसे हम हरगिज़ मिटने नहीं देंगे। खुदीराम बोस और राहत इंदौरी साहब की जीवट देशभक्तिऔर उनके विचार हमारे प्रेरणा श्रोत बने रहेगें। 

कार्यक्रम मे मासस नेता सुशांतो मुखर्जी,माले नेता भुवनेश्वर केवट,अनिल अंशुमन,एआईपीएफ के नेता नदीम खान,छात्र युवा नेता सोहेल अंसारी,आकाश रंजन,अखिलेश राज,आइति तिर्की,अफ़रोज़ खान समेत कई लोग मौजूद थे


By Madhu Sinha

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ