आज (30 जून )को 'हूल क्रांति दिवस' के अवसर पर कांग्रेस, जेएमएम और राजद ने झारखंड के वीरों को याद कर उन्हें नमन किया।

 

आज (30 जून )को 'हूल क्रांति दिवस' के अवसर पर कांग्रेस, जेएमएम और राजद ने झारखंड के वीरों को याद कर उन्हें नमन किया।

कांग्रेस------अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उलगुलान के आगाज की शुरुआत व  संघर्ष के प्रतीक संथाल हूल दिवस के मौके पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से राजधानी रांची के सिद्धो कान्हू पार्क कांके रोड राँची में सिद्धू कान्हू को श्रद्धांजलि दी गई एवं पार्क स्थित सिद्धू कान्हू की  प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप जलाकर चाँद भैरो-झूलो फूलो को भी श्रद्धांजलि दी।इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सर्वप्रथम सिद्धु कान्हू के कदमों में शीश झुकाया उनके साथ कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव,डा राजेश गुप्ता छोटू,अमूल्य नीरज खलखो,केदार पासवान,सतीश पाल मुंजीनि,बेलस तिर्की,सन्नी टोप्पो,निरंजन पासवान,सुषमा हेमरोम  समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।



आदिवासी कांग्रेस के रांची जिला अध्यक्ष बेलस तिर्की एवं सतीश पाल मुंजीनि एवं सन्नी टोप्पो के देखरेख में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मौके पर अमर शहीद सिद्धू कान्हू  ,फूलो-झानो की शहादत को नमन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि सिद्धू-कान्हू की शहादत के प्रेरणा से ही झारखंड में आदिवासियों-मूलवासियों की जमीन को बचाने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास के शासनकाल में लोगों की जमीन को लूटने का काम किया गया, लेकिन गठबंधन सरकार ने अमर शहीद सिद्धू-कान्हू, फूलो-झानो की प्रेरणा से ही जमीन को बचाने का काम किया है। उनकी प्रेरणा से भविष्य में भी सरकार उनके दिखाये मार्गां पर चल कर विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। डॉ उरांव ने कहा कि झारखंड का इतिहास संघर्षों से रचा बसा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले ही आदिवासी समाज ने अपनी परंपरा और विरासत की रक्षा को लेकर अंग्रेजो के खिलाफ संघर्ष किया, जिसके परिणाम स्वरूप एसपीटी और सीएनटी कानून बनाया गया। उन्होंने कहा आदिवासी हूं या गैर आदिवासी सिद्धू कान्हू सबके लिए आदरणीय थे आदरणीय हैं और आदरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद जनजातीय समाज के विकास के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं।



इस मौके प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि अमर शहीद सिद्धू कान्हू, फूलो और झानू की शहादत को इतिहास में पहला स्थान नहीं मिल पाया जिसकी वे हकदार थी। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी शासन की ज्यादती के खिलाफ महिला होते हुए भी फूलो और झानो ने अपनी वीरता दिखाई और 21 अंग्रेजी सैनिकों को मार डाला। परंतु जिस तरह से रानी लक्ष्मीबाई की वीरता,बलिदान और संक्रांति को इतिहास में स्थान मिला वह स्थान हूल दिवस को नहीं मिल पाया।

प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव,डा राजेश गुप्ता ने कहा कि अन्याय जुल्मी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक हूल दिवस की शहादत को कभी भुला नहीं जा सकता है। शहीदों ने जिस सपने को लेकर अपनी शहादत दी थी राज्य सरकार उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है।


  झामुमो ----शहीदों की जीवनी पाठ्यक्रम में होगा शामिल  : मुशताक आलम ।

आज 166वें हूल दिवस के अवसर पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा राँची जिला समिति ने  जिलाध्यक्ष श्री मुशताक आलम के नेतृत्व में कांके रोड स्थित सिध्दो - कान्हू  पार्क में अवस्थित वीर शहीद सिध्दो - कान्हू की आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। 



            श्री मुशताक आलम ने कहा कि झारखण्ड के शहीदों का शहादत बेकार नहीं जाएगा।  उन्होंने कहा कि हम माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री हेमन्त सोरेन जी से आग्रह करेंगे कि सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शहीदों की जीवनी को शामिल किया जाए। झारखंड के सभी होनहारों को शहीदों के बारे में जानना जरूरी है। इससे हमारी सांस्कृतिक, राजनीति और सामाजिक विरासत भी बची रहेगी। 


    मौके पर झामुमो महिला मोर्चा की केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ महुआ माजी, झामुमो राँची  के कार्यवाहक जिला सचिव डॉ हेमलाल कुमार मेहता हेमू, जिला संयुक्त सचिव  श्री बीरू साहू, श्री आदिल इमाम , सह सचिव सोनु मुण्डा, मीडिया प्रभारी वसीम राबिया खान, अल्पसंख्यक मोर्चा के रांची जिलाध्यक्ष आफताब आलम, युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ तालकेश्वर महतो, रमेश साहु, संजय राय, सौम्वित माजी, रीना तिर्की, मन्टु लाला, महिला मोर्चा राँची महानगर अध्यक्ष संध्या गुड़िया,  अल्पसंख्यक मोर्चा के रांची जिलाउ पाध्यक्ष परवेज आलम गुड्डू, राकेश वर्मा, अब्दुल्लाह हबीब, मो साजिद, नौशाद आलम, मो असलम, खुर्शीद आलम, सोहैल खान, रूणा शुक्ला, अवधेश ठाकुर,  फिरोज अन्सारी, वी के  ठाकुर, अरूण कुमार, विकास कुमार, विलियम रिचड लकडा,  हेरमन लकड़ा, मो फिरोज आलम, समीर लकड़ा,  जीतेन्दर गुप्ता, अजित नायक, हनीफ अन्सारी आदि शामिल थे।


राजद ----- झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में हुल दिवस पर सिन्दो-कान्हू के तस्वीर पर माल्यार्पण कर चांद-भैरो ,फुलो-झानो सहित अन्य शहीदों के प्रति श्रधा सुमन  अर्पित किया गया!

   पुष्प अर्पित करते हुए अभय कुमार सिंह ने कहा कि अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता आन्दोलन में अंग्रेजो को छक्के छुड़ाने का काम किया! संथाल विद्रोह (हुल आन्दोलन) हुआ जिसके अगुआ वीर सिदो-कान्हू को अंग्रजो द्वारा फांसी दे दी गई जिसे आज आमलोग हुल दिवस के रुप में मनाते है!इन वीर शहीदों का नारा था - करो या मरो अंग्रजों हमारा माटी छोड़ों!



           इस कार्यक्रम में मुख्य रुप में युवा प्रदेश अध्यक्ष श्री रंजन कुमार, प्रदेश प्रवक्ता  डॉ मनोज कुमार, मुख्य प्रवक्ता श्रीमती अनीता यादव,प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री अंजल किशोर सिंह, प्रदेश महासचिव श्री कमलेश यादव,  विजय राम, सदाकत  अंसारी, शौकत अंसारी, जफीर खान,  रवि जयसवाल,गायत्री देवी, ममता कुजूर, उर्मिला सोरेन, सोनी कुमारी,  तरुण कुमार, धर्मेंद्र सिंह, अभिषेक कुमार यादव, अमित जयसवाल ।


By Madhu Sinha

               

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