CHANDANKIYARI : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के सामाप्त करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आक्रोश व्यक्त किए।

 CHANDANKIYARI : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के सामाप्त करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आक्रोश व्यक्त किए। 


चन्दनकियारी, बोकारो, झारखंड ‌‌। 

संयुक्त किसान मोर्चा के देश व्यापी आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा चन्दनकियारी ने केन्द्र की मोदी सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के सामाप्त कर विकसित भारत गारंटी फार रोजगार एंड मिशन (ग्रामीण) विधेयक संसद में पारित कर ग्रामीण मजदूरों एवं किसान परिवारों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात के सवाल पर संयुक्त किसान मोर्चा चन्दनकियारी ने शुक्रवार को सुभाष चौक, चन्दनकियारी में केन्द्र सरकार द्वारा पारित विधेयक की प्रतियां जलाकर आक्रोश व्यक्त किए। अध्यक्षता ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य सचिव कुमुद महतो व संचालन संयुक्त किसान मोर्चा चन्दनकियारी के संयोजक जगन्नाथ रजवार ने किया। कुमुद महतो ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए बिल 'विकसित भारत-गांरंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक है और मनरेगा की महत्वपूर्ण गारंटियों को समाप्त करने की एक बड़ी साजिश है। केन्द्र सरकार नये बिल को तत्काल वापस ले अन्यथा चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे।


वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ बनर्जी ने कहा कि प्रस्तावित विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण बिल, 2025 मनरेगा को रद्द करने के प्रयास से नए बिल में न गारंटी, न सार्वभौमिक और न ही अधिकार होगी। मनरेगा, 2005 में काम का एक सार्वभौमिक अधिकार स्थापित है। जो ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला कोई भी व्यस्क व्यक्ति, जो अकुशल शारीरिक काम करने को तैयार है, उसे काम दिया जाता है। लेकिन नए बिल में राज्य सरकारें केवल उन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों में काम देंगी, जिन्हें केंद्र सरकार अधिसूचित करेगी। केंद्र सरकार की अधिसूचित किए बगेर किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लाभ नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार की इच्छा पर चलने वाली विवेकाधीन योजना की नये बिल का कड़ी विरोध किया। मौके पर डॉ. गोपाल महतो, नुनी वाला देवी, हरिपद महतो, दुलाल महतो, शेखर बनर्जी, युनुस अंसारी आदि शामिल रहे।





Report By Mahendra Mahato ( Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand) 

By Madhu Sinha

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