BOKARO : नंद घर पहल के माध्यम से झारखंड में पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को मज़बूत बना रहा है ESL Steel Ltd।

BOKARO : नंद घर पहल के माध्यम से झारखंड में पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को मज़बूत बना रहा है ESL Steel Ltd। 

बोकारो, झारखंड । 

ESL Steel Ltd. ग्रामीण झारखंड में पोषण, शिक्षा और मातृ स्वास्थ्य को सशक्त बनाते हुए प्रारंभिक बाल विकास की मजबूत नींव तैयार करने के अपने नंद घर कार्यक्रम को निरंतर गति दे रहा है।

हाल ही में, सभी नंद घरों में बाल दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उत्साहपूर्ण गतिविधियों ने नन्हे बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सीखने की खुशी को बढ़ावा दिया। नंद घर उसरडीह में आयोजित कार्यक्रम में ESL के वरिष्ठ नेतृत्व श्री संजय सिन्हा (हेड–पीआर एवं स्टेकहोल्डर मैनेजमेंट) और श्री कुणाल दरिपा (हेड–सीएसआर) ने बच्चों के साथ ड्राइंग, रंग भरने और कविता पाठ में हिस्सा लिया, जिससे ग्रामीण समुदायों में खुशहाल और समावेशी शिक्षा के प्रति ESL की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई।

यह आयोजन ‘पोषण माह’ के सफल आयोजन के बाद हुआ, जिसमें माताओं को संतुलित आहार, स्तनपान, स्वच्छता और घरेलू पोषण के महत्व पर जागरूक किया गया। इसी दौरान शिशु संजीवनी विशेष रूप से तैयार मिलेट हलवा का नियमित वितरण भी किया गया, जिससे छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रतिरक्षा क्षमता, स्वस्थ विकास एवं ऊर्जा में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है।
मिलेट्स को दैनिक पोषण का हिस्सा बनाकर ESL भारत सरकार के ‘मिलेट मिशन’ को मजबूत करते हुए कुपोषण के खिलाफ झारखंड में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

नंद घर उसरडीह की सेविका श्रीमती माया खोवास कहती हैं-

“सही पोषण ही इनके सपनों की सबसे मज़बूत नींव है। जब मैं किसी बच्चे को कमज़ोर से तंदुरुस्त होते देखती हूँ, तो लगता है मेरी मेहनत सफल हो रही है। ये बच्चे सिर्फ नंद घर के नहीं, मेरे अपने हैं। इनकी हर खुशी, हर प्रगति मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

बाल स्वास्थ्य और पोषण के साथ-साथ, कई नंद घरों में गोद भराई और अन्नप्राशन जैसे सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इन पारंपरिक संस्कारों को आधुनिक संदेशों जैसे मातृ स्वास्थ्य और समय पर पूरक आहार के साथ जोड़ा गया, ताकि परिवारों को भावनात्मक और पोषण संबंधी दोनों तरह का सहयोग मिल सके।
ESL Steel Ltd. के सीईओ एवं निदेशक श्री रवीश शर्मा कहते हैं-

“ESL में हमारा मानना है कि हर बच्चे को प्रारंभ से ही मजबूत स्वास्थ्य और मज़बूत शिक्षा मिलनी चाहिए। शिशु संजीवनी, दैनिक पोषण और आनंदमय शिक्षा के माध्यम से हम ग्रामीण झारखंड में स्वस्थ और खुशहाल बचपन का निर्माण कर रहे हैं।”

ESL के निरंतर प्रयासों के सकारात्मक परिणाम:

• बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार

• माता-पिता की सहभागिता में वृद्धि

• प्रारंभिक शिक्षार्थियों में स्कूल तैयारियों में बढ़ोतरी


 


By Madhu Sinha

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