LATEHAR : 6 दौर की वार्ता के बाद एसडीओ की पहल पर रात 12 बजे आंदोलनकारी ने धरना समाप्ती की घोषणा की।
लातेहार, झारखंड।जिला मुख्यालय में समाहरणालय के समीप वनाधिकार कानून के तहत “पट्टा नहीं तो वापस नहीं” कार्यक्रम के तहत चल रहा अनिश्चितकालीन धरना 6 दौर की वार्ता के बाद एसडीओ अजय कुमार रजक की पहल पर रात 12 बजे आंदोलनकारी ने धरना शर्तों के साथ समाप्त हुआ। समझौते के अनुसार 7 से 14 अक्तूबर तक लातेहार अनुमंडल के सभी अंचलों में कैंप मोड में व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों का निष्पादन किया जाएगा। वनाधिकार समिति के अध्यक्ष और सचिव ऑन द स्पॉट अभिलेखों की त्रुटियों को दूर कर दस्तावेजीकरण करेंगे। महुआडाड़ अनुमंडल में भी इसी तर्ज पर कैंप आयोजित होगा। अनुमंडल से पारित दावों को जिला स्तरीय समिति में भेजा जाएगा, जिसकी प्रगति की जानकारी नियमित रूप से आंदोलनकारी प्रतिनिधियों को दी जाएगी आन्दोलन की समाप्ति के बाद रात 1 बजे महुआडाड़ व हेरहंज के लोगों को दो बसों व नौ कमांडर वाहनों से रवाना किया गया। आंदोलन के दौरान लोगों का जोश देखने लायक था — जलावन की लकड़ी और पत्तल की मात्रा लगभग एक-एक ट्रक के बराबर थी, जो उनकी तैयारी और संकल्प को दर्शाती है।
ज्ञात हो कि जिले में 173 सामुदायिक और 1803 व्यक्तिगत वनाधिकार दावे 2010 से लंबित हैं। इस आन्दोलन का नेतृत्व धोती फादर, सेलेस्टीन कुजूर, गेंदिया देवी, रीता देवी, सुखमनी देवी, भूखन सिंह, कन्हाई सिंह, हरि भगत, नंदकिशोर गंझू, जिला परिषद् सदस्य स्टेला नगेसिया, रघुपाल सिंह, पूर्व जिला परिषद, लातेहार जिला परिषद् बिनोंद उराँव, अजय उराँव, प्रवेश राणा, रामेश्वर गंझू, भाकपा (माले) के जिला सचिव बिरजू राम, कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उराँव समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया।
Report By Ram Kumar (Latehar, Jharkhand)
By Madhu Sinha


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