Ranchi : प्रभु जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ।

Ranchi : प्रभु जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ।

 रांची, झारखंड ।

राजधानी के जगन्नापुर मंदिर में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ के दर पर हजारों भक्त उमड़े। सुबह चार से पांच बजे तक मंदिर में पुजारी ने विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद पांच से दोपहर दो बजे तक भक्तों ने भगवान की आराधना की। दोपहर दो बजे तक पूजा-अर्चना के बाद प्रभु के दर्शन बंद कर दिया गया। इसके बाद जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा रथयात्रा के लिए रवाना हुए। शाम छह बजे वह रथारूढ़ हुए और मौसीबाड़ी के लिए निकल गए। रथ को खींचने में हजारों भक्तों का उत्साह चरम पर था। इससे पूर्व मुख्य पुजारी रामेश्वर पाढ़ी समेत अन्य पुजारियों की पूजा आरती सुबह चार बजे हुई।

इसके बाद पांच बजे मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके बाद मंदिर परिसर में उमड़े हजारों हजार भक्तों ने अपने सबसे बड़े इष्टदेव भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र और सुभद्रा समेत सुदर्शन चक्र, गरूड़जी की पूजा की। मंदिर में इस अवसर पर चारों ओर भक्तों का जनसमूह पूजा के लिए व्याकुल दिखी। मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का तांता सुबह से लेकर अपराह्नकाल भगवान के रथ की ओर प्रस्थान करने तक बना रहा। इस क्रम में मंदिर में आम जनों के साथ साथ विशिष्ट जनों ने भी भगवान की पूजा कर उनका दर्शन किया।

दिन के दो बजे के बाद मुख्य मंदिर के परिसर से श्रद्धालु भक्तों के भीड़ का दबाव कम हुआ। पूजा अनुष्ठान मुख्य पुजारी रामेश्वर पाढ़ी समेत कई पुरोहितों ने किया। इस अवसर पर प्रथम सेवक सुधांशुनाथ शाहदेव, ट्रस्ट के सचिव मिथिलेश कुमार समेत ट्रस्ट के अन्य लोग उपस्थित थे। रथ पर भगवान का हुआ शृंगार अपराह्न दो बजे के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए। इसके साथ ही रथ यात्रा की तैयारी आरंभ हो गयी। दो बजे से भगवान जगन्नाथ स्वामी, भगवान बलभद्र और माता सुभद्रा के श्री विग्रह रथ की ओर प्रस्थान कर गए। अपराह्न काल 2.30 बजे भगवान सहित सभी विग्रहों को उनके सुसज्जित रथ पर विराजमान कर उनका श्रृंगार किया गया। विभिन्न प्रकार के सुंगधित पुष्पों से सजे रथ पर आरूढ़ भगवान जगन्नाथ स्वामी, भगवान बलभद्र व माता सुभद्रा के विग्रह को आम भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया। शाम पांच बजे रथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान दिन के करीब 4.30 बजे तक श्री विष्णु लाक्षार्चना स्तुति की गई। तत्पश्चात भक्तों ने अर्चित पुष्प भगवान के श्रीचरणों में समर्पित किया। इस क्रम में भगवान को प्रिय श्री विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्र सहित कई स्तुतियां प्रस्तुत की गई। आरती के साथ जगन्नाथाष्टकम, गीता पाठ, रथ के रस्सी बंधन का अनुष्ठान कर पांच बजे रथारूढ़ भगवान अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान हुए। सैकड़ों भक्तों के कंठ से जगन्नाथ स्वामी की गगनभेदी जयघोष के साथ रथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान हुआ। इस दौरान रथ यात्रा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय, विधायक राजेश कच्छप, विधायक नवीन जयसवाल, जयशंकर पाठक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक दुबे, दीपू सिन्हा समेत कई लोग उपस्थित थे। कई बार रथ की रस्सी टूटी मौसीबाड़ी जाने तक भगवान के रथ की रस्सियां कई बार टूटी। हर बार इसे जोड़कर रथ खीचने वाले सैकड़ों हाथ उत्सूकता से खींचकर रथ को आगे बढ़ाते रहे। करीब छह बजे रथ मौसीबाड़ी पहुंचा। कहा जाता है कि रथ खींचने के दौरान रस्सी टूटना शुभ माना जाता है। यहां रथ के ऊपर केवल महिलाओं (साड़ी पहनी हुई ) ने भगवान समेत श्री विग्रहों का दर्शन किया। इसके बाद प्रभु और अन्य विग्रहों को मौसीबाड़ी मंदिर में प्रवेश कराया गया। रात आठ बजे मंगलआरती होने और भोग अर्पित करने के बाद भगवान शयन के लिए चले गए और मंदिर का पट बंद हो गया।

हरिशयन एकादशी तक मौसीबाड़ी में होगी भगवान की पूजा मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी आने के बाद अब प्रभु की दैनिक पूजा प्रतिदिन यहां पर होगी। आनेवाले नौ दिन तक मेला में पूजा के लिए आनेवाले श्रद्धालु यहां भगवान की पूजा अर्चना करेंगे। नौ दिनों तक यहां श्रद्धालु यहां पर पूजा करेंगे। मंदिर के पुजारी यहां सुबह, अपराह्न काल और सायंकाल को पूजा करेंगे। छह जुलाई हरिशयन एकादशी के दिन भगवान मौसीबाड़ी से घुरती रथ मेला के दिन मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। इसके साथ ही इस दस दिवसीय मेला का समापन हो जाएगा। मंदिर में पुलिस बल के साथ स्वयंसेवकों ने संभाली जिम्मेदारी मंदिर में पुरुष और महिला भक्तों के लिए पूजा की व्यवस्था की गई थी। उनके लिए अलग अलग कतारे थीं। इसमें युवा वर्ग के लोग भी पूजा करने वाले की कतारों में दिखे। भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए यहां विशेष व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा के लिए पुलिस बल, महिला बल से लेकर आरएसएस व विहिप के साथ साथ मंदिर न्यास समिति और स्काउट गाइड के युवकों ने भी व्यवस्था को संभालने में अपना योगदान दिया। मेला परिसर में सुरक्षा के लिए जगह जगह सीसीटीवी कैमरा तैनात किए गए थे। 

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