Chandankiyari : अपने संघर्ष के बल पर मजदूर से विधायक बने थे हारु रजवार की मनाई पुण्य तिथि।
चन्दनकियारी, बोकारो, झारखंड ।हारुन रजवार स्मारक समिति ने झारखण्ड आन्दोलनकारी सह पुर्व विधायक स्वर्गीय हारु रजवार की चौथी पुण्य तिथि पर सोमवार को चन्दनकियारी इण्टर माहाविद्याल, मरवाड़ीबेड़,चन्द्रा के मुख्य द्वार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। अध्यक्षता रामलाल महतो व संचालन जगन्नाथ रजवार ने किया। वहीं डॉ. गोपाल महतो ने सभी के बिच मिठाई बांटकर स्वर्गीय हारु रजवार की जीवनी को याद किए। वहीं वक्ताओं ने कहा कि शोषण मुक्त समाज के साथ शिक्षा, खेल व रोजगार के क्षेत्र में किये थे, उल्लेखनीय कार्य बोकारो जिला के बड़ाजोड़ टोला झांकटांड़ के एक छोटे से किसान परिवार में 18 अगस्त 1923 को जन्में हारु रजवार पिता स्वर्गीय बनमाली रजवार, माता स्वर्गीय झालिया देवी अपने संघर्ष के बलबुते मजदूर से लेकर विधायक तक का सफर किया। घर में आर्थिक तंगी के कारण पांचवी कक्षा पास करने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। बाद में वह जहां तहां मजदूरी का काम करने लगे। इसी क्रम में वह दुग्दा कोल वाशरी में कार्य कर रहे थे। कार्य करने के दौरान उन्होंने दुग्दा कोल वाशरी में मजदूरों के साथ की जा रही श्रम शोषण, वंचित हक अधिकार के विरोध में प्रबंधक के खिलाफ आंदोलन 1970 में शुरु किया। लम्बी व बड़ी आन्दोलन से प्रबंधक ने हारु रजवार की मजदूर हित की सभी मांगों को स्वीकार के लिए विवश हुए। और प्रबंधक ने मजदूरों की सभी अधिकार एंव उचित मजदूरी देने की गारंटी किया। उसी दौरान 1977 में झारखण्ड अलग राज्य एंव चन्दनकियारी क्षेत्र में चरम पर चल रही महाजनी प्रथा के खिलाफ बिनोद बिहारी महतो, ए.के.राय, शिबु सोरेन के नेतृत्व में आन्दोलन शुरु हुआ। जिसमें हारु रजवार को बड़ी जिम्मेवारी देकर चन्दनकियारी का नेतृत्व का जिम्मा दिया। जिसमें हारु अपनी कुशल नेतृत्व के साथ लोगों को गोलबंद कर चन्दनकियारी क्षेत्र में समता मूलक समाज का निर्माण के लिए, वर्ग संघर्ष के नायक बन कर उभरे वे पहली बार 1980 में मासस के प्रत्याशी बन कर पहली बार वे विधायक बने । पहली बार विधायक बनने से वे चन्दनकियारी इण्टर महाविद्यालय चन्द्रा की स्थापना किये। साथ ही साथ वे क्षेत्र के इण्टर कालेज भोजुडीह, उच्च विद्यालय सिमुलिया, उच्च विद्यालय तालगड़ीया, उच्च विद्यालय खेदाडीह, बी बी एम उच्च विद्यालय कुरा, उच्च विद्यालय चन्द्रा, बालिका उच्च विद्यालय यशपुर जैसे विद्यालयों की स्थापना अनुमति कराए तथा शैक्षणिक विकास के लिए महाविद्यालय एंव विद्यालय का संरचनात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिए। 1985, 1990 व 1995 के विधानसभा चुनाव में उन्हें शिरकत मिली। 2000 एंव 2005 के विधानसभा चुनाव उन्होंने जीत दर्ज कर खेल जगत को बढ़ावा देने के लिए। झारखण्ड राज्य के जन्मदाता बिनोद बिहारी महतो की सम्मान में उनके नाम से स्टेडियम बना कर खेल जगत को बढ़ावा दिया। साथ ही साथ आर्थिक और रोजगार गारंटी के लिए इलेक्ट्रोस्टील की स्थापना कराऐं। गांव से गांवों को सड़कों से जोड़ा, हर एक को पेयजल की गारंटी किया। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं की गारंटी की। साथ ही साथ सौहार्द पूर्ण समाज का निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। उनके बेहतर कार्यों से जनताओं ने उन्हें काका का उपाधि दी, 19 मई 2021 को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके याद व उनके विचारों की आत्मसात करने की जरूरत है। मौके पर सरस्वती पाण्डेय, रुम्पा महतो, प्रिया महतो, लक्ष्मी महतो, सुधीर महतो, शान्ति राम रजवार, जगदीश रजवार, धनंजय रजवार, राखल रजवार, राजू कुमार महतो, सुभाष चन्द्र महतो, संजय रजवार आदि शामिल रहे।
Report By Mahendra Mahato (Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand)
By Madhu Sinha
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