Chandankiyari : कुड़माली भाषा एवं साहित्य को अतुलनीय योगदान देनेवाले महान विभूति स्वर्गीय लक्ष्मीकांत मुतरुआर की 86 वीं जयंती उनके पैतृक गांव भण्डरो में मनाई गई ।
चन्दनकियारी, बोकारो, झारखंड ।कुड़माली भाषा एवं साहित्य को समृद्ध बनाने एवं शिखर तक पहुंचाने में, अतुलनीय योगदान देनेवाले महान विभूति, मूर्धन्य साहित्यकार स्वर्गीय लक्ष्मीकांत मुतरुआर की 86 वीं जयंती पर मंगलवार को रजवार समाज सुधार समिति के पुर्व केन्द्रीय अध्यक्ष सह चन्दनकियारी विधानसभा के पुर्व प्रत्याशी जगन्नाथ रजवार ने उनके पैतृक गांव भण्डरो में शामिल होकर उनके मुर्ति पर श्रद्धा पुष्प अर्पित कर नमन किया. वहीं श्री रजवार ने कहा कि जब भी समाज में पारंपरिक रिति रिवाज संजोए रखने की बात, रुढ़िवादी व्यवस्था के खिलाफ आवाज, समाज में फैली कुरितियां की खत्मा की बात आती है तब ही लक्ष्मी कान्त मुतरुआर की याद दिलाती है.
भले ही स्वर्गीय मुतरुआर एक साधारण किसान परिवार में जन्म लिए, लेकिन वे अपने कड़ी संघर्ष से एक शिक्षक बनकर रुढ़िवादी व्यवस्था के खिलाफ अपने पैतृक जमीन दान देकर बालिका विद्यालय की स्थापना कराऐं, समाज में फैली समाजिक कुरितियां की खत्मा के साथ साथ उन्होंने पारंपरिक कुड़मी, कुड़मालि रिति रिवाजों को पुर्नस्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाई. उनके विचारों को आत्मसात कर उनके द्वारा देखी गई सपनों को पूरा करने की संकल्प लेने की जरूरत है. मौके पर झामुमो संस्थापक सदस्य दुर्गा चरण महतो, मनोज महतो, दयामय बानुआर, जेएलकेएम प्रखण्ड महिला मोर्चा की अध्यक्षा कुमारी बिनती, सुनिता कुमारी, काजल कुमारी, महेश मुतरुआर, विक्रम महतो, उत्तम राय, सुभाष महतो, फटीक हिंदआर,वृहस्पति महतो, राढ़ करम महतो, अमर महतो, सुशील महतो आदि शामिल रहे।
Report By Mahendra Mahato (Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand)
By Madhu Sinha
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