RANCHI,JHARKHAND#झारखंड का शाहाबाद से रिश्ता मजबूत करने की जरूरत - अखिलेश।*
*आदिकाल से है ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध।*
*प्रेस क्लब में 22 मार्च को होगी बैठक।*
रांची, झारखंड ।बिहार राज्य के शाहाबाद प्रक्षेत्र से झारखंड का सम्बंध आदिकाल से रहा है, जिसे और मजबूती प्रदान करने की जरूरत है। इससे अपने विरासत को आगे वाली पीढ़ी के लिए सहेजने की जरूरत है। उक्त बातें शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने मंगलवार को खेलगांव में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक रुप से बिहार झारखंड का भले ही बंटवारा हो गया, लेकिन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध में कोई अंतर नहीं आया है। उन्होंने बताया कि शाहाबाद प्रक्षेत्र के रोहतासगढ़ किला झारखंड राज्य के उरांव आदिवासी समाज के पूर्वजों का विरासत रहा है, जहां धोखे से आक्रांताओं द्वारा कब्जा करने के बाद अपनी स्मिता बचाने हेतु वे लोग छोटानागपुर सहित अन्य इलाकों में शरण लिए। लेकिन आज भी उस जगह से उरांव समाज का अटूट संबंध है, जहां प्रति वर्ष झारखंड सहित देश के अन्य भागों से हजारों की संख्या में लोग अपने पूर्वजों की भूमि तथा उनके विरासत को नमन करने वहां आते हैं।अखिलेश कुमार ने कहा कि आज भी झारखंड में राजनीतिक, प्रशासनिक, पत्रकारिता, शिक्षा, साहित्य, चिकित्सा, व्यवसाय सहित अन्य क्षेत्रों में शाहाबाद से सम्बद्ध लोग महती भूमिका निभा रहे हैं। उसी तरह शाहाबाद में पर्यटन को बढ़ावा देने में झारखंड के लोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन्हीं सब विषय को लेकर 22 मार्च (शनिवार)को प्रेस क्लब रांची में एक बैठक रखी गई है। जिसमें शाहाबाद के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को याद करते हुए उसे बढ़ावा देने तथा शाहाबाद से झारखंड का आदिकाल से चले आ रहे गौरवशाली सम्बन्धों पर चर्चा होगी।
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव कर्नल राजेश कुमार ने कहा कि झारखंड के नवनिर्माण में शाहाबाद के मूल निवासी भी अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं और आगे भी कंधा से कंधा मिलाकर चलने को प्रतिबद्ध हैं। बातचीत के दौरान भोजपुरी परिवार के झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष लाखन सिंह, आयोजन समिति के सत्यप्रकाश राय, प्रिंस कुमार, बलिराम पाठक, ओम प्रकाश सहित अन्य मौजूद थे।
By Madhu Sinha
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