JHARKHAND#*देश भर में 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है:- केंद्रीय मंत्री* *सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर रहा है देश* *35 पेटाफ्लॉप की संयुक्त गणना की क्षमता है भारतीय सुपरकॉम्प्यूटर की* *देश में 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सुविधा प्रदान किया जाता है*

 JHARKHAND#*देश भर में 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है:- केंद्रीय मंत्री*

*सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर रहा है देश*

*35 पेटाफ्लॉप की संयुक्त गणना की  क्षमता है भारतीय  सुपरकॉम्प्यूटर की*

*देश में 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सुविधा प्रदान किया जाता है*

   राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के केंद्रित लक्ष्य के साथ 4,500 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ

भारत में एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया गया है. यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जितिन प्रसाद ने झारखंड़ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के द्वारा राज्यसभा में सुपर कंप्यूटरों की संस्थापना की स्थिति से सम्बंधित सवाल के जबाब में दिया.

          केंद्रीय मंत्री में बताया कि देश भर में 200 से भी अधिक शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) प्रयोगशालाओं में कुल कितने सुपर कम्प्यूटर संस्थापित किए गए हैं. इन संस्थानों में 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सुविधा प्रदान करते है.एनएसएम ने टियर ॥ और टियर ।।। शहरों के शोधकर्ताओं के लिए अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करके शोध करने के अवसर पैदा किए हैं.भारत में अब स्वदेशी रूप से सुपरकंप्यूटिंग तकनीकों को डिजाइन करने, विकसित करने और विनिर्माण करने की क्षमता है.

29 जनवरी 2025 तक, 35 पेटाफ्लॉप की संयुक्त गणना क्षमता वाले कुल 34 सुपर कंप्यूटर (अनुबंध-1) विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में तैनात किए गए हैं.

ये सुपर कंप्यूटर देश भर के 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं को सुविधा प्रदान करते हैं.




By Madhu Sinha 

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