LATEHAR,JHARKHAND#सर्वांगीण विकास के लिए सरस्वती विद्या मंदिर में सुवर्णप्राशन संस्कार का आयोजन ।
लातेहार, झारखंड ।लातेहार जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में बुधवार को शिशुओं के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के उद्देश्य से सुवर्णप्राशन की पहली खुराक पिलाई गई। यह आयोजन पुष्प नक्षत्र में हुआ और इसमें पलामू विभाग निरीक्षक नीरज कुमार लाल, प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी एवं सह प्रांत शिशु वाटिका प्रमुख गीता कुमारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर और सरस्वती माता के चित्र पर पुष्पार्जन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर गीता कुमारी ने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित शिशु वाटिका का उद्देश्य शिशुओं का सर्वांगीण विकास करना है। सुवर्णप्राशन संस्कार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग निरीक्षक नीरज लाल ने बताया कि यह संस्कार सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसे जातकर्म संस्कार भी कहा जाता है। प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि सुवर्णप्राशन में पंचगव्य घृत, मधु, सुवर्ण और भस्म होते हैं, जो शिशुओं को त्रिदोष से मुक्त रखते हैं।कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य, दीदी और अभिभावक उपस्थित थे, जिन्होंने छोटे भैया बहनों को सुवर्णप्राशन की खुराक दी। यह आयोजन शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।Report By Ram Kumar (Latehar, Jharkhand)
By Madhu Sinha
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