LATEHAR,JHARKHAND#सीआरपीएफ कैंप में अखंडपाठ के साथ अरदास,लंगर पाने के लिए लगी लोगों की भीड़।
लातेहार, झारखंड ।स्थानीय सिख समाज व सीआरपीएफ 11वीं बटा़लियन द्वारा गुरूनानक जयंती शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय लातेहार स्थित सीआरपीएफ कैंप में अखंडपाठ के साथ अरदास हुआ। तत्पश्चात लंगर का आयोजन किया गया। अरदास करते हुए ग्रंथी सुरजीत सिंह व अकाशदेव सिंह ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को सिख धर्म के अनुयाई बड़े ही धूमधाम से प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। गुरु नानक देव भाईचारा, एकता और जातिवाद को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए। उन्होंने कहा कि एक बार धार्मिक यात्रा पर गुरु नानक देव जी बनारस गए। जहां गेरुए रंग के वस्त्र, पांव में जूता, सिर पर टोपी, गले में माला और केसर का तिलक लगाए हुए थे। लोगों ने सोचा दूर देश से कोई महात्मा आए हैं। इसलिए काफी लोग उनके आस-पास एकत्र हो गए। तब वह लोग एक पंडित को बुला लाए। काशी के पंडित ने कहा, महाराज हम रोज वेद-शास्त्र पढ़ते हैं, लेकिन मन से अहंकार जाता ही नहीं। तब गुरु नानक जी ने कहा मन के अंदर जो बुराइयां मौजूद हैं। उन्हें त्याग दो बस आपका अहंकार चला जाएगा। वेद-शास्त्र पढ़ने के बाद उनके सार को यदि जीवन में भी उतारोगे तो मन में अहंकार कभी नहीं आएगा।
प्रधान गुरमीत सिंह ने बताया कि गुरु नानक जी ने कहा था कि जैसे नाव पर बैठकर नदी पार की जाती है। ठीक ज्ञान और भक्ति से इस संसार में ईश्वर के निकट जाया जा सकता है। ईश्वर को पाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उनकी शरण में जाने से पहले अहंकार को पूरी तरह से त्यागना पड़ता है। यह बात आज के समय में आम लोगों को आत्मसात करने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों के बीच लंगर का आयोजन किया गया। इस मौके पर हरपाल सिंह,बिनोद प्रकाश मलान,गौरव मालन,गुरमीत सिंह,घनश्याम दास,अभिमन्यु दास, पंकज दास,अशोक दास,गौरव दास,बिजेंद्र दास ,अरमिंदर सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।Report By Ram Kumar (Latehar, Jharkhand)
By Madhu Sinha
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