CHANDANKIYARI,JHARKHAND#दुबेकाटा मोड़ में हूल दिवस समारोह का किया गया आयोजन !!

CHANDANKIYARI,JHARKHAND#दुबेकाटा मोड़ में हूल दिवस समारोह का किया गया आयोजन !!

चंदनकियारी प्रखंड के दुबेकाटा मोड़, बरमसिया नेताजी सुभाष चौक पर हूल दिवस समारोह कमिटी बरमसिया की ओर से हुल दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का अध्यक्षता गयाराम महतो व संचालन हरिपद महतो ने किया, इस अवसर पर मुख्य रूप से ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के झारखंड राज्य सचिव कुमुद महतो भक्तओ के रूप में उपस्थित था। उन्होंने अपना भाषण में कहा कि सिद्धू एवं कान्हू दो भाईयों के नेतृत्व में 30 जून 1855 अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फुक था। उन्होंने नारा दिया था कि करो या मरो अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो ।
यह लड़ाई झारखंड के आदिवासियों ने 1855 में ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया था, हालांकि आजादी की पहली लड़ाई सन 1857 को मानी जाती है। 

30 जून 1855 को सिद्धू और कान्हु के नेतृत्व में मौजूदा साहिबगंज जिले के भगीनाडीह गांव से विद्रोह शुरू हुआ था।

सिद्धू और कानू का जन्म वर्तमान झारखंड राज्य के भगनाडीह नामक गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ था, सिद्धू मुर्मू का जन्म 1815 ई. को हुआ था एवं कान्हु मुर्मू का जन्म 1820ई . को हुआ था । देश भर में 30 जून को हुल क्रांति दिवस मनाया जाता हैं ओर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले आदिवासियों को शोये गाथा और बलिदान को याद किया जाता है। संथाली भाषा में हूल का अर्थ क्रांति होता है।


आदिवासी उस दिन को अंग्रेजों के द्वारा मारे गए अपने 20000 लोगों की याद में मनाया जाता है। सिद्धू को अगस्त 1855 में पकड़ लिया गया ओर पंचकठिया नामक स्थान पर एक बरगद के पेड़ पर फांसी दे दी गई। आज हमें हूल दिवस से संकल्प लेने की जरूरत है की आज जो जल जंगल जमीन एवं सीएनटी एसपीटी एक्ट पर जो छेड़छाड़ हो रहा है, इसके खिलाफ एवं राष्ट्रीय कंपनियां तथा अडानी अंबानी राज के खिलाफ लड़ाई लड़ना ही दिवस दिवस मनाने का सही मायने है। आज की जो वर्तमान व्यवस्था है उसको धस्त करते हुए नया व्यवस्था का जन्म देना ही सही मायने पर सिद्धू कानू का हूल दिवस मनाने वह उन लोगों का सपना को पूरा का उद्देश्य पूरा होगा। इस अवसर पर ये वक्ताओ ने हूल दिवस पर बातें रखें मुस्लिम अंसारी, अनंत लाल मरांडी, हाबूलाल महतो, हरिपद महतो, शिक्षक पुरान महतो आदि ने अपना बाते रखे। मौके पर गया राम महतो , हाबूलाल महतो, कुमुद महतो, झरीलाल महतो, हरि पद महतो, हाराधन महतो, अनंत लाल मरांडी, बिंदेश्वर महतो, ईनामी अंसारी सुरेश महतो, बंकिम महतो, नेहा कुमारी रामू महतो, खगेन रजवार हराधन महतो, मुस्लिम अंसारी, महतो, आशा महतो,मामनी महतो, अजय कर्मकार पुरान महतो, सुधीर रजवार आदि उपस्थित थे।



Report By Mahendra Mahato (Chandankiyari, Bokaro, Jharkhand)

By Madhu Sinha 

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