DELHI#*सांसद दीपक प्रकाश ने जम्मू कश्मीर में रोजगार और औद्योगिक विकास से संबधित सवाल पूछे*
*जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 28,400 करोड़ रु की योजना:-भारत सरकार*
*केंद्र सरकार की पहल से जम्मू कश्मीर में 3.98 लाख से अधिक के रोजगार सृजन की क्षमता के साथ 88,915 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।*
राज्यसभा सांसद सह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बुधवार को राज्यसभा में गृहमंत्रालय से जम्मू-कश्मीर में रोजगार के अवसर और औद्योगिक विकास से सम्बंधित ब्यौरा मांगा।श्री प्रकाश ने अपने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से केंद्रीय गृहमंत्रालय से जानना चाहा कि जम्मू कश्मीर के बेरोजगार युवाओं के लिये रोजगार सृजित करने के लिए तथा औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है।
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने श्री प्रकाश के सवालों का जबाब देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु कई उपाय किए हैं।उन्होनें कहा कि बेरोजगार युवाओं के लिए स्थायी आय पैदा करने वाले उद्यम स्थापित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया। वर्ष 2021-22 से आज तक कुल 7.4 लाख स्वरोजगार/आजीविका के अवसर उत्पन्न/सुदृढ़ हुए हैं।
उन्होंने बताया कि परिवहन क्षेत्र सहित व्यापार इकाइयों की स्थापना और सतत आजीविका वाली परियोजनाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 'मिशन यूथ' के तहत 'मुमकिन', 'तेजस्वनी' तथा उद्यमिता को बढ़ाने जैसी नई योजनाओं का शुभारंभ किया गया है।
रोजगार प्रदान करने के अवसरों को बढ़ाने के लिए बेरोजगार युवाओं और संभावित नियोक्ताओं हेतु एक मंच उपलब्ध कराने के लिए संभाग और जिला स्तर पर 'रोजगार मेलों' और 'प्लेसमेंट ड्राइव' आयोजित किये गये। पिछले दो वर्षों में 151 'रोजगार मेलों' का आयोजन किया गया और उनमें 1631 कंपनियों ने भाग लिया। युवाओं में 'कौशल की कमी' को दूर करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरूआत की गई।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 से 2023 अक्टूबर तक के दौरान, कैरियर काउंसलिंग सत्रों में कुल 4,74,464 उम्मीदवारों ने भाग लिया और कैरियर मार्गदर्शन के लिए जागरूकता शिविरों में कुल 2,12,109 उम्मीदवारों ने भाग लिया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि पुनर्गठन के बाद बड़े पैमाने पर पारदर्शी भर्ती अभियानों सहित अभिशासन सुधारों का कार्यान्वयन। सार्वजनिक क्षेत्र की भर्ती की निगरानी के लिए वर्ष 2020 में त्वरित भर्ती समिति का गठन किया गया। "योग्यता से रोजगार" अभियान के तहत, योग्यता-आधारित चयन और पारदर्शी, न्यायसंगत तथा निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया पर जोर दिया गया। पारदर्शिता लाने और भर्ती प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए, वेतन स्तर 5 तक के सभी पदों और वेतन स्तर 6 के कुछ पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त कर दिया गया है। अगस्त 2019 से अब तक सरकारी क्षेत्र में कुल 31,830 रिक्तियां (जम्मू और कश्मीर बैंक सहित) भरी गई हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 28,400 करोड़ रुपये के परिव्यय से जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना अधिसूचित की है। संघ राज्य क्षेत्र को निवेशक अनुकूल गंतव्य बनाने के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा विभिन्न नीतिगत पहल की गई हैं।
जिसमे जम्मू और कश्मीर औद्योगिक नीति, जम्मू और कश्मीर औद्योगिक भूमि आवंटन नीति,जम्मू और कश्मीर निजी औद्योगिक संपदा विकास नीति, जम्मू और कश्मीर में औद्योगिक क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की नीति, जम्मू और कश्मीर सिंगल विंडो नियम, टर्नओवर प्रोत्साहन योजना,जम्मू और कश्मीर ऊन प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और हथकरघा नीति,सहकारी समितियों/स्वयं सहायता समूहों के लिए वित्तीय सहायता योजना,कारीगरों और बुनकरों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना,जम्मू और कश्मीर में शिल्प क्षेत्र के विकास के लिए कारखंडार योजना,हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग के कारीगरों/बुनकरों के लिए संशोधित शिक्षा योजना,निर्यात सब्सिडी योजना शामिल है।
उन्होनें बताया कि इस प्रकार की पहल से 3.98 लाख से अधिक के रोजगार सृजन की क्षमता के साथ 88,915 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।वर्ष 2019-2020 से अक्टूबर, 2023 तक 5,319 करोड़ रुपये के निवेश का इस्तेमाल हुआ है। इस कारण निवेश बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिला है।
By Madhu Sinha
0 टिप्पणियाँ