RANCHI,JHARKHAND#अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के सिर्फ प्रशिक्षण के आधार पर ही सीधे 4200 -4600 ग्रेड पे पर सहायक शिक्षक की बहाली जा रही है जबकि वर्तमान में सहायक आचार्य की नियुक्ति नियमावली है फिर भी बिना नियुक्ति नियमावली बदले किस आधार पर सहायक शिक्षक। क्या राज्य में किसी बहाली के दो दो नियम होते हैं - प्रमोद कुमार (प्रदेश संरक्षक,टेट सफल सहायक अध्यापक संघ सह सदस्य समन्वय समिति)।

 RANCHI,JHARKHAND#अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के सिर्फ प्रशिक्षण के आधार पर ही सीधे 4200 -4600 ग्रेड पे पर सहायक शिक्षक की बहाली  जा रही है जबकि वर्तमान में सहायक आचार्य की नियुक्ति नियमावली है फिर भी बिना नियुक्ति नियमावली बदले किस आधार पर सहायक शिक्षक। क्या राज्य में किसी बहाली के दो दो नियम होते हैं - प्रमोद कुमार (प्रदेश संरक्षक,टेट सफल सहायक अध्यापक संघ सह सदस्य समन्वय समिति)।

श्री प्रमोद कुमार ने आगे कहा कि "वही दूसरी ओर टेट सफल सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) पिछले 19 - 20 वर्षो से झारखंड के नौनिहालों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं | झारखंड के शैक्षणिक स्तर को ऊपर ले जाने मे  महती भुमिका निभा  रहे है साथ ही साथ सहायक शिक्षक बनने का NCTE एवं NEP का  पूरा आहर्ता रखते हैं |

पिछले 2013 एवं 2016 से  झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं  साथ ही स्कुली  शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा झारखंड महाधिवक्ता से लिया गया लिखित परामर्श मे " शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा भी है !

साथ ही साथ 9 JUNE 2020 को  उच्च स्तरीय कमेटी ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा की गई |


 *परंतु आज तक हम सभी  झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक)को वेतनमान से वंचित रखा गया है |और सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली के तहत अब हमसे 9 घण्टे की लंबी परीक्षा लेकर 2400-2800 ग्रेड पे दिया जाएगा जो  कहीं से न्यायोचित नहीं है ये घोर अन्याय है हम सभी से ...*

अतः माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से आग्रह होगा कि हमारे से न्याय करें और नियमावली संशोधन करते हुए सीधी नियुक्ति  4200 - 4600 का ग्रेड पर करें और झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) को सीधे समायोजित करते हुए वेतनमान देने का कार्य करें !"


By Madhu Sinha 

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