JHARKHAND#इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का 8 सदस्य टीम मीडिया के जारी गाइडलाइन को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा-- देवानंद सिन्हा प्रदेश महासचिव गोरखपुर में की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराज अहमद कुरैशी के नेतृत्व में हो रहे पत्रकार महाधिवेशन में झारखंड के सैकड़ों पत्रकार भाग लेंगे !

JHARKHAND#इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का 8 सदस्य टीम मीडिया के जारी गाइडलाइन को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा-- देवानंद सिन्हा प्रदेश महासचिव

गोरखपुर में की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराज अहमद कुरैशी के नेतृत्व में हो रहे पत्रकार महाधिवेशन में झारखंड के सैकड़ों पत्रकार भाग लेंगे !

डिजिटल मीडिया को लेकर बढ़ रही अफवाहों के बीच इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रमोद पासवान एवं प्रदेश महासचिव देवानंद सिन्हा ने प्रेस बंधुओं / सोशल मीडियाकर्मियों के हित में आवाज बुलंद करते हुए सरकार से मांग की है कि झारखंड के सभी प्रेस बंधुओं / डिजिटल / सोशल मीडिया कर्मियों के लिए गाइडलाइन जारी करें। जिससे कि वे भी अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें। 

जब प्रदेश महासचिव देवानंद सिन्हा रांची स्थित सूचना विभाग में जानकारी ली तो पता चला कि IPRD में जो In-pannel है उसी की सूची जारी कर सकते हैं,कई से अखबार है जो अभी भी IPRD से In-pannel नहीं हुआ है। कौन फर्जी है या नहीं है,इसे पता करना पुलिस व प्रशासन की जिम्मेदारी है IPRD का नहीं।

इस सम्बंध में वे जल्द ही झारखंड के राज्यपाल और CMO से मिलकर पत्रकार हित की बात रखेंगे।

वहीं इन अफवाहों को लेकर राज्य के सभी मीडिया पत्रकार बंधु असमंजस में है। बता दें कि इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन झारखंड प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों ने प्रदेश कमिटी से सम्पर्क करते हुए इस मामले में जानकारी प्राप्त की है।

ऐसी अफवाह उड़ी है कि डिजिटल मीडिया और इसमें कार्य करने वाले पत्रकार को फर्जी मीडियाकर्मी / फर्जी पत्रकार माना जा रहा है। लेकिन यह तर्क संगत नहीं है। 

इस सम्बंध में पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर इकाई के जिला अध्यक्ष श्री अनिल कुमार मौर्य ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के मंत्री अनुराग ठाकुर ने साफ तौर पर डिजिटल मीडियाकर्मियों को प्रेस एक्ट 2021 (जारी 25 फरवरी 2021) को गाइडलाइन मानते हुए न्यूजपोर्टल, सोशल मीडिया कर्मियों को कार्य करने के लिए कहा है। सबसे बड़ी बात डिजिटल मीडिया के लिए अलग से Ministry of Information and Broadcasting के पोर्टल में जगह दी गई है। वहीं दूसरी बात भारत सरकार ने MSME अंतर्गत न्यूजपोर्टल और सोशल मीडिया को पूरे भारत में मीडिया का काम करने के लिए अनुमति प्रदान करती है।  हालांकि अपने पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चलाये जा रहे खबरों का लिंक या संस्था की जानकारी MIB को सूचित करना आवश्यक है। दूसरी बात इसकी सूचना जिला के DC/SSP/SDO/ DPRO में कर देनी चाहिए।

जब भारत सरकार के अधीन MSME और MIB जैसी संस्थाये सोशल मीडिया और न्यूजपोर्टल को समाज में काम करने की अनुमति प्रदान कर रही है तो ऐसी संस्थाओं को फर्जी क्यों बनाया जा रहा है। यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है। 

आगे उन्होंने कहा कि भारत अब 21वीं सदी छोड़ डिजिटल युग में जीने लगा है। खबरों को छोड़िये अब रुपया भी डिजिटल हो गया है, लेनदेन भी डिजिटल हो गया है। डिजिटल रुपया, डिजिटल करेंसी, डिजिटल ट्रांजेक्शन, डिजिटल वैलेट सब मान्य है, लेकिन डिजिटल मीडिया अमान्य है?  फ्रॉड सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन पर हो रहे उसपर कोई लगाम नहीं। वहीं लीगल और RNI लिए कुछ संस्थाएं और उसके पत्रकार रंगदारी कर रहे, वह ठीक है?  उसे नहीं पकड़ेंगे। क्योंकि वह रजिस्टर्ड गुंडा है। लेकिन भयावह बेरोजगारी से तंग आकर कुछ पढ़े लिखे युवा देश और समाज का आईना बन कर रोजी रोटी के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का माध्यम अपना रहे हैं वह फर्जी है। इसे ही कहते हैं "अजब देश की गजब कहानी।" 

विदेशों में स्टार्टअप के लिए कोई तानाबाना नहीं है इसलिए आज अमेरिका जैसे देश में सैकड़ों कंपनियां डिजिटल स्टार्टअप कर विश्व में राज कर रही है। लेकिन हर सम्पदा से परिपूर्ण भारत देश राजनीति और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। एक ओर सुधार में लगे युवाओं पर भी दोषारोपण किया जा रहा है। वहीं जो गलत प्रचार प्रसार में लगे हैं वे बेखौफ होकर षडयंत्र रच रहे हैं।

आगे और क्या कहें? अंत में बस इतना ही कहूंगा एक ओर केंद्र  सरकार मान्यता दे रही है दूसरी ओर राज्य सरकार भावी पत्रकारों के पैर खींचने में लगी है। अगर राज्य सरकार को ये करना ही था तो अचानक ना कर इनके लिए कोई ओर ऑप्शन देने का काम करती जिससे कि हजारों पत्रकार बंधु बेरोजगार होने से बच जाते।


Report By Atif Khan (Jharkhand, India)

By Madhu Sinha 



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