GORAKHPUR,UP#मिसाल : नसरीन व फरमान का मस्जिद में हुआ दहेज रहित निकाह।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
दीन-ए-इस्लाम में निकाह को आधा ईमान करार दिया गया है। वहीं निकाह के नियम बहुत आसान बनाए गए हैं ताकी गरीब तबका भी अपनी बेटियों का निकाह आसानी के साथ कर सके, लेकिन दहेज की मांग और बेफिजूल की रस्मों ने निकाह को बेहद पेचीदा व मुश्किल बना दिया है। जिस वजह से गरीब बेटी के पिता व भाई को ओवर टाइम व कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। जमीन जायदाद तक बेचनी पड़ जा रही है।
ऐसे में हुमायूंपुर उत्तरी के रहने वाले दो परिवारों ने मस्जिद में शरीअत के मुताबिक अपने बच्चों का दहेज रहित निकाह करके समाज को अहम पैग़ाम दिया है। गोरखनाथ जामा मस्जिद में हुमायूंपुर उत्तरी के रहने वाले हाजी शमशाद अली की बेटी नसरीन बानो का निकाह सोमवार को यहीं के मोहम्मद इरफानुल्लाह के बेटे हाजी फरमानुल्लाह के साथ पूरा हुआ। बारात की जगह दोनों पक्ष से खास-खास लोग मस्जिद में मौजूद रहे। निकाह मुफ्ती मोहम्मद हुजैफा ने पढ़ाया। शाम को ही निकाह हुआ और शाम के समय ही विदाई हो गई वह भी सिर्फ एक जोड़े कपड़े में। हर तरह की बेफिजूल रस्मों से निकाह पाक रहा। बुधवार को वलीमा हुआ। दोनों परिवार के इस कदम की चर्चा व तारीफ हर खासो आम में हो रही है। निकाह में शिरकत करने वाले वार्ड नंबर 11 के पार्षद राधेश्याम रावत भी इस निकाह की सराहना कर रहे हैं।
नसरीन के पिता हाजी शमशाद अली ने कहा कि मौजूदा दौर में दहेज मांगने की बुरी रस्म मुसलमानों में भी आ गई है। बेटी के पैदा होते ही मां-बाप दहेज का सामना जुटाने में जुट जाते हैं। हालांकि शरीअत में निकाह का नियम बहुत आसान बनाया गया है। वहीं बेफिजूल की रस्मों की शरीअत में कोई जगह नहीं है। इस निकाह से दोनों परिवार व समाज के लोग काफी खुश है। निकाह मस्जिद में करने का चलन बढ़ाने की जरूरत है। फिजूल की रस्मों से दूरी बनाने व दहेज की मांग से सभी को सख्ती के साथ बचना चाहिए। शरीअत के मुताबिक निकाह को बढ़ावा देना समय की अहम जरूरत है।
By Madhu Sinha
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