RANCHI,JHARKHAND#नारीवादी संगठन एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एन्ड लीगल इनिशिएटिव ट्रस्ट (आली), लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 ( POCSO , एक्ट 2012) एवं महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 एवं बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी (पुलिस अधिकारियों ) के संवेदनशीलता के ऊपर एक दिवसीय कार्यशाला का किया आयोजन !

 RANCHI,JHARKHAND#नारीवादी संगठन एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एन्ड लीगल इनिशिएटिव ट्रस्ट (आली), लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 ( POCSO , एक्ट 2012)  एवं महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण,  प्रतिषेध और  प्रतितोष) अधिनियम, 2013  एवं बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी (पुलिस अधिकारियों ) के  संवेदनशीलता के ऊपर एक दिवसीय कार्यशाला का किया आयोजन !

आज, दिनांक: 17 /10/20 को होटल रेन डीयू , लालपुर, राँची में बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी (पुलिस अधिकारियों ) प्रतिभागियों के साथ लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 ( POCSO , एक्ट 2012)  एवं महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण,  प्रतिषेध और  प्रतितोष) अधिनियम, 2013  एवं अधिकारिओं के  संवेदनशीलता के बारे में चर्चा किया | एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव (आली) एक कानूनी पैरोकारी संगठन है, आली की स्थापना 1998 में कुछ महिला वकीलों के द्वारा लखनऊ में की गयी एवं उन्होंने एक नारीवादी परिपेक्ष्य से वकालत करना शुरू किया |  जो विगत ग्यारह वर्षों से झारखण्ड में सघन रूप से तथा भारत के अन्य राज्यों में साथी संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों हेतु कार्य कर रही है | 

 आली संस्था के राज्य कार्यक्रम समन्वयक  रेशमा सिंह  ने  इस कार्यशाला का आरम्भ सभी अधिकारिओं का स्वागत एवं कार्यशाला के उद्देश्य को बताते हुए किया |  *कार्यशला  में मुख्य अतिथि के रूप में श्री नौशाद आलम एस० पी० (ग्रामीण) उपस्थित थे|* उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति  समर्पित होने और हमेशा सीखते रहने के लिए प्रोत्साहित किया| उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चे हमारे समाज के अहम् हिस्सा है जिसको एक सुरक्षित वातावरण देना आवश्यक है ताकि उनका विकाश सम्पूर्ण रूप से हो सके|

  यूनिसेफ, झारखण्ड से बाल संरक्षण अधिकारी प्रीती श्रीवास्तव ने लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 ( POCSO , एक्ट 2012)  के बारे में लोगों को एक विडियो के माध्यम से जानकारी दी एवं पुलिस अधिकारियों के क्या रोल दिए गए हैं इस धिनियम में दिए गए हैं उस पर परिचर्चा की | उन्होंने उपयुक्त अधिनियम के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिनियम में वर्ष 2020 में संशोशन किया गया है जिसके बारे में उन्होंने विस्तृत रूप से बताया|

 डी० एस०पी०,  ट्रेनिंग स्कूल, राँची झारखण्ड ने  लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 ( POCSO , एक्ट 2012) के बारे में विस्तृत जानकारी दी उन्होंने इस अधिनियम  में यौन अपराध की क्या परिभाषा दी गई है एवं क्या क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना है उसके बारे में विस्तृत रूप से बताया एवं इस अधिनियम में अपराधियों को कितनी सजा मिलेगी एवं पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजा एवं विधिक सेवा प्राधिकार के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी| 

  बाल कल्याण समिति का अध्यक्ष श्री अजय साह ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि बच्चो के मामले में मुख्यत: तीन बातों पर केद्रित किया  कि न्याय दिलाना हमारा प्रमुख कर्तव्य है और सभी नियमो का पालन करना आवश्यक है जिससे कि क़ानूनी जिस प्रकार से लिखा गया है उसका उसी तरह पालन किया जाए |

आली संस्था की अधिवक्ता बबली सिंह एवं राज्य कार्यक्रम समन्वयक रेशमा सिंह में महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण,  प्रतिषेध और  प्रतितोष) अधिनियम, 2013  के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी | उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन को रोकने एवं उनके लिए कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने के लिए इस अधिनियम को लाया गया है |उन्होंने इस अधिनियम के अंतर्गत कार्यस्थल पर बनने वाली आंतरिक समिति एवं लोकल समिति के बारे में लोगों को जानकारी दी |


इस कार्यशाला में 45 बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी (पुलिस अधिकारी ), बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य एवं आली  संस्था से मोहिनी एवं गीता  भी उपस्थित थे |



By Madhu Sinha 

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