RANCHI, JHARKHAND#*_मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड अलग राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों के चिन्हितीकरण का किया शुभारंभ_* *_आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के 'लोगो 'और नए आवेदन प्रपत्र का हुआ लोकार्पण_*

RANCHI, JHARKHAND#*_मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड अलग राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों के चिन्हितीकरण का किया शुभारंभ_* 

 *_आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के 'लोगो 'और नए आवेदन प्रपत्र का हुआ लोकार्पण_* 

 *_मुख्यमंत्री ने कहा- राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नहीं , आंदोलनकारी का बेटा के रूप में दिलाएंगे आपको अधिकार और सम्मान_* 

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 *_मुख्यमंत्री बोले-  सिर्फ जेल जाने वाले नहीं डुगडुगी बजाने वाले और तीर -कमान बनाने वाले भी आंदोलनकारी_* 

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 *_मुख्यमंत्री ने कहा - झारखंड अलग राज्य आंदोलन में शामिल एक-एक आंदोलनकारी को नए सिरे से सूचीबद्ध किया जाएगा, पूरा मान- सम्मान और अधिकार मिलेगा_* 

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★ *_झारखंड आंदोलनकारी का पुत्र होने का मुझे गर्व है_* 

★ *_आंदोलनकारियों के तकलीफों को दूर करने में सरकार अहम भूमिका निभाएगी_* 

★ *_आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का अधिकार देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध_* 

 ★ *_झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत का मिलेगा क्षैतिज आरक्षण_* -- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन_*

झारखंड अलग राज्य आंदोलन के एक -एक आंदोलनकारी को पूरा मान- सम्मान और अधिकार देने का राज्य सरकार ने संकल्प ले रखा है।  इस आंदोलन के अंतिम पंक्ति में शामिल आंदोलनकारियों को भी चिन्हित कर उनका हक  दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड अलग राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों के चिन्हितीकरण के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही । इस मौके पर उन्होंने आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के "लोगो " और 'आवेदन प्रपत्र" का विमोचन किया। इसके द्वारा आंदोलनकारियों की नए सिरे से पहचान कर  सूचीबद्ध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नया आवेदन प्रपत्र काफी सरल बनाया गया है, ताकि हर आंदोलनकारी आसानी से अपने दावे को आयोग के समक्ष समर्पित कर सके ।

 *_आजादी की लड़ाई से कम नहीं है अलग राज्य के लिए हुआ आंदोलन_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की धरती ने कई वीर सपूतों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश के लिए खुद को न्योछावर कर दिया । उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए हुआ आंदोलन भी देश की आजादी की लड़ाई से कम नहीं है । एक लंबे संघर्ष के बाद हमें झारखंड राज्य मिला।  इसमें अनगिनत लोगों में अपनी कुर्बानियां दी। कई  परिवार कई परिवार शहीद हो गए । यह राज्य उनकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता है। ऐसे सभी आंदोलनकारियों हम पूरा मान -सम्मान देंगे।

 *_आंदोलनकारियों ने दृढ़ संकल्प के साथ अलग राज्य के सपने को साकार किया_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब झारखंड अलग राज्य आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो लोगों को लगा था कि आदिवासी समुदाय के लिए यह असंभव सा है । लेकिन, आदिवासी और धरती पुत्र पूरे दृढ़ संकल्प के साथ आंदोलन को धार देते रहे और आखिरकार झारखंड अलग राज्य के रूप में अपने सपने को साकार करने में कामयाब रहे।

 *_राज्य तो मिला, लेकिन चुनौतियां कई थी_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद हमें अलग राज्य तो  मिला, लेकिन उसके साथ कई चुनौतियां भी खड़ी थी। सबसे बड़ी चुनौती झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने की थी । आरंभिक वर्षों में तो मात्र दो हज़ार के लगभग ही आंदोलनकारी  चिन्हित किए गए थे । इस आंकड़े को देखकर मुझे लगा कि अलग राज्य के लिए इतना लंबा संघर्ष चला है तो  आंदोलनकारियों की संख्या इतनी कम नहीं हो सकती है । मुझे पूरा विश्वास था कि अलग राज्य के आंदोलन में हजारों- हजार लोगों ने अपना पूरा तन- मन झोंक दिया था। ऐसे में आंदोलनकारियों को कैसे  मान- सम्मान और अधिकार से अलग रखा जा सकता है। इस पर गंभीरता से मंथन करते हुए मैंने झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान के लिए नया स्वरूप बनाया है, ताकि  सभी को सूचीबद्ध  कर उन्हें सरकार से मिलने वाले लाभ से जोड़ा जा सके।

 *_आंदोलनकारी का पुत्र होने का गर्व है_* 

श्री सोरेन ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री वे इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं, लेकिन उनकी पहचान एक आंदोलनकारी का पुत्र होने के नाते है । इसका मुझे गर्व है। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नहीं , आंदोलनकारी का बेटा के रूप में  आपको अधिकार और सम्मान दिलाएंगे।  उन्होंने आंदोलनकारियों से कहा कि आपकी तकलीफ को कम करने में सरकार अहम भूमिका निभाएगी । इसके साथ राज्य के विकास में जो भी बाधाएं होंगी, आप सभी के सहयोग से उसे दूर करते हुए नया झारखंड बनाएंगे।

 *_दशकों से पलायन कर चुके आदिवासियों से लौटने का आग्रह_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सदियों से आदिवासियों के साथ शोषण होता आया है । वे हमेशा से ही हाशिये पर रहे हैं। इस वजह से यहां के कई आदिवासी परिवार पलायन करने को मजबूर हो गए ।लेकिन, अब आदिवासियों को पूरा हक और अधिकार सरकार देगी । उन्होंने पलायन कर चुके आदिवासियों से कहा कि वे वापस लौटे।  उन्हें सरकार जल , जंगल जमीन समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराएगी।

 *_राज्य की खनिज संपदा पर यहां के लोगों का होगा अधिकार_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिज - संपदा से भरपूर राज्य है ।लेकिन,  हमेशा से ही यहां के खनिज संपदा का दोहन कोई और करता रहा है। जबकि, यहां के लोग इससे वंचित रहे । अब ऐसा नहीं होगा।  यहां के खनिज और खदानों पर राज्य और राज्य की जनता का अधिकार होगा। इसके बाद ही किसी को अन्य को इसके उपयोग करने की इजाजत होगी । इसके लिए सरकार ने बकायदा नियम भी बना लिया है।

 शिक्षा व्यवस्था को किया जा रहा है दुरुस्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम हो रहा है । पांच हज़ार मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं । इन स्कूलों में पढ़ाई का स्तर उच्च कोटि के निजी विद्यालयों की तरह होगा । सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे किसी भी मायने में निजी विद्यालयों के बच्चों से कम नहीं होंगे।

 *_अब पेंशन में सीमा की कोई बाध्यता नहीं है_* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सार्वभौम पेंशन योजना लागू की है। उसमें हर योग्य लाभुक को पेंशन मिलेगा । पेंशन को लेकर संख्या की कोई सीमा नहीं होगी । सभी बुजुर्ग, दिव्यांग, परित्यक्ता,  विधवा और एकल महिला को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है ।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से भी आंदोलनकारियों को अवगत कराया।

 *इस अवसर पर  राज्य सभा सांसद श्री शिबू सोरेन, कृषि मंत्री श्री बादल, विधायक श्री सुदिव्य कुमार सोनू और श्री राजेश कच्छप , आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष श्री दुर्गा उरांव तथा सदस्य श्री भुवनेश्वर महतो एवं श्री नरसिंह मुर्मू, पद्मश्री श्री मधु मंसूरी हंसमुख, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे और सभी जिलों से आए आंदोलनकारी मौजूद थे।* 



By Madhu Sinha

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