JHARKHAND#दिव्यांग क्रिकेटर मुकेश कंचन की शिकायत को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया
बीसीसीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना करते हुए कमेटी में नियुक्त गैर संवैधानिक व्यक्तियों के खिलाफ करी थी शिकायत
भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रांची झारखंड निवासी मुकेश कंचन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा गैर संवैधानिक तरीके से निशक्तजन कमेटी में लिए तीन वियक्तियों की नियुक्ति के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि जिस प्रकार श्रीमान जस्टिस लोढ़ा समिति द्वारा की गई सिफारिश के अंतर्गत कमेटी वह केवल वही खिलाड़ी को स्थान दिया जाएगा जिसमें देश के लिए किसी भी प्रारूप क्रिकेट खेला हो और जिसे सबसे ज्यादा खेला है वह उस कमेटी का प्रधान होगा
लेकिन बीसीसीआई द्वारा दिनांक 18 दिसंबर को कमेटी में तीन नामों का ऐलान किया गया रविकांत चौहान सुमित जैन और महंतेश निशक्तजन कमेटी के सदस्य बनाए गए हालांकि बीसीसीआई द्वारा कमेटी बनाने से पूर्व ही मुकेश कंचन में सर्वोच्च न्यायालय के प्रीइंटीमेशन दे दिया था कि कमिटी के सदस्यों के चुनाव में इस प्रकार की गतिविधि हो सकती है १८ दिसम्बर को कमिटी में लिए गए नामो की घोषणा के बाद मुकेश कंचन ने पुनः माननीय सर्वोच्च न्यायालय को शिकायत भेजी मुकेश कंचन की शिकायत को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान में ले लिया है
इस संबंध में मुकेश कंचन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेने से यह विश्वास हो गया है कि देर हो सकती लेकिन अंधेर नहीं होगी मैंने हमेशा कानूनी रूप से अपने कदम बढ़ाए हैं और मुझे भारतीय संविधान और भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था कि बीसीसीआई से हो सकता है कुछ भूल चूक हो गई हो लेकिन कानून मेरा साथ मेरा सहयोग अवश्य करेगा
हालांकि मुकेश कंचन ने बीसीसीआई के आला अधिकारियों से हर प्रकार से मिलने की कोशिश करी लेकिन वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते ऑफिस बंद होने के कारण मिलने का कोई मौका नहीं मिला गौरतलब बात यह है कि बीसीसीआई ने अपना जो स्वयं का संविधान बनाया है उस संविधान को भी तोड़ते हुए तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करते हुए गैर संवैधानिक व्यक्तियों की नियुक्ति करी है बीसीसीआई ने जो निर्णय लिया है जब तक यह निर्णय बदला नहीं जाएगा संघर्ष जारी रहेगा
By Madhu Sinha
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