JHARKHAND#जमींदारी प्रथा के उन्मूलन अभियान के प्रणेता, अंग्रेजी के प्रकांड विद्वान, जेपी आंदोलन के अमर सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कृष्ण वल्लभ सहाय जी ऐसे राजनीतिक हस्ती रहे हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक समरसता कायम करने में लगा दिया।
राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह (श्री बाबू) का कृष्ण वल्लभ सहाय जी पर अटूट विश्वास और स्नेह था। वे उन्हें प्यार से केबी कहकर पुकारते थे। श्री केबी सहाय जी की योग्यता को देखते हुए ही तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री बाबू ने उन्हें राजस्व मंत्री बनाया। बतौर राजस्व मंत्री श्री केबी सहाय जी ने समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास के लिए जमींदारी प्रथा का उन्मूलन करने और भूमि सुधार कार्यक्रम प्रभावी रूप से लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम को लागू किया, जिसका लाभ आज समाज के इन वर्गों में विकास के रूप में देखने को मिल रहा है। आज जिस योजना एवं विकास विभाग में राज्य की विकास योजनाओं का अनुमोदन होता है, यह केबी सहाय जी की सोच की देन है। दो अक्टूबर 1963 को बापू की जयंती के अवसर पर केबी सहाय जी ने बिहार के चौथे मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ली थी। अपने पूरे कार्यकाल में श्री केबी सहाय जी ने सर्वांगीण विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया। 1974 में जेपी आंदोलन हुआ जिसमें देश में परिवर्तन का अलख जगाया। आज श्री केबी सहाय जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके सामाजिक निर्माण के योगदान अविस्मरणीय रहेंगे। आज श्री कृष्ण वल्लभ सहाय जी की जयंती पर उन्हें नमन, उनके विचारों को प्रणाम, उनके अविस्मरणीय योगदान को सलाम।
By Madhu Sinha
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