BOKARO#ESL के CEO, एन एल वट्टे ने किया मियावाकी वानिकी परियोजना का उद्घाटन।

BOKARO#ESL के CEO, एन एल वट्टे ने किया मियावाकी वानिकी परियोजना का उद्घाटन।

बोकारो। 30 नवंबर, 2021: वेदांता समूह की कंपनी और प्रमुख राष्ट्रीय स्टील उत्पादक, वेदांता ईएसएल स्टील लिमिटेड ने पर्यावरण और हरियाली के संग्रक्षण के लिए एक नई परियोजना, "मियावाकी  वणिका परियोजना" की शुरुआत की, जो  मियावाकी परियोजना स्थल पर आयोजित किया गया | इस आयोजन का उद्घाटन ईएसएल के सीईओ, एनएल वट्टे के द्वारा किया गया जहाँ ईएसएल के उच्य अधिकारी एवं पर्यावरण के अन्य मुख्य कर्मचारी उपस्थित थे| 

एक स्थायी कल के लिए आज से शुरू की गई ये नए परियोजना का उद्शेय ईएसएल परिसर में हरियाली को सुनिश्चित करना एवं पर्यावरण का संग्रक्षण करना है| इस योजना के तहत क़रीबन 1.25 एकड़ क्षेत्र में 16000 से अधिक नए पौधे लगाया गए हैं|


मियावाकी परियोजना की प्रेरणा मसूर जापानी वनस्पतिशास्त्री, अकीरा मियावाकी से ली गयी है| इस तकनीक के इस्तेमाल से थोड़े समय में विभिन्न वृक्ष प्रजातियों से युक्त आत्मनिर्भर छोटे घने-वन बन सकते हैं| मियावाकी पद्धति ने रणनीतिक रूप से बंजर भूमि को घने हरे जंगल में परिवर्तित करके हरी वनीकरण की अवधारणा में क्रांति ला दी है। यह पद्धति से वृक्षारोपण के मानक तरीके की तुलना में विकास दर में 10 गुना वृद्धि और घनत्व में 30 गुना वृद्धि सुनिश्चित होती है| संभरण के मानक तरीकों के 3 वर्षो के उपरांत यह छोटे- जंगल आत्मनिर्भर हो जाते हैं|

इस अवसर पर ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीईओ, एनएल वट्टे ने कहा, "जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए मानव को हवा और पानी दोनों की आवशकता होती है और ये विर्क्ष मानव को ये दोनों चीजें प्रदान करते हैं|" उन्होंने इस बात पर जोर डालते हुए कहाँ कि "हरे भरे पेड़ है जहाँ, धरती का स्वर्ग है वहाँ|" उन्होंने इस बात की भी खुशी ज़ाहिर की ईएसएल ऐसे तकनीकों की ओर अग्रसर हो रहा है जिससे की पर्यावरण को हमेशा सुरक्षित रखा जा सके| उन्होंने इस तकनीक की कुछ मूल- भूत फायदे भी सामने रखे जैसे कि "इस वृक्षारोपण में विविध प्रजातियों का उपयोग किया जाता है जो मोनोक्लोनल वृक्षारोपण की तुलना में जीव-जंतु में अधिक विविधता लाते हैं और केवल 3 वर्षों की देखभाल के बाद, इन्हें किसी मानवीय जुड़ाव की आवश्यकता नहीं होती है|"

आने वाले समय में हमेशा की तरह वेदांता ईएसएल का लक्ष्य  पूरे बोकारो जिला के अंतर्गत इन वृक्षारोपण तकनीकों से हरियाली सुनिश्चित करना है जिससे की हम अपने जिला और राज्य के पर्यावरण को सुरक्षित रख पायें|



By Madhu Sinha

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