RANCHI#पूर्व वार्ड पार्षद मो० असलम ने कोकर हैदर अली रोड का नाम बदलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब झारखण्ड में भी उत्तर प्रदेश के तर्ज पर नफरत का बीज बोया जा रहा है,धर्मनिरपेक्षता की राग अलापने वाली सरकार भी अपने मुँह पर चुप्पी साधी हुई है।

RANCHI#पूर्व वार्ड पार्षद मो० असलम ने कोकर हैदर अली रोड का नाम बदलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब झारखण्ड में भी उत्तर प्रदेश के तर्ज पर नफरत का बीज बोया जा रहा है,धर्मनिरपेक्षता की राग अलापने वाली सरकार भी अपने मुँह पर चुप्पी साधी हुई है।

स्थानीय वार्ड पार्षद के कथन अनुसार नामकरण की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रांची नगर निगम बोर्ड से स्वीकृति मिल गई है, जबकि 2016 में बोर्ड के बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि रांची नगर निगम क्षेत्र के किसी भी गली-रोड का नाम देश एवं प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी एवं महापुरुष के नाम से रखा जाएगा।ज्ञात हो कि 2016 में लालपुर चौक का नाम बदलने के मामले में विवाद होने पर बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था जिससे गंगा जमुना तहजीब और साझी विरासत बची रह सके।किंतु कुछ कथित साम्प्रदायिक ताकतों के द्वारा रोड गली के नाम बदलने के बहाने अपनी गंदी मानसिकता से माहौल को बिगाड़ना चाहते है।रांची शहर में बहुत से मुस्लिम बहुल इलाकों में गैरमुस्लिम व्यक्ति एवं महानुभव के नाम से सड़क-एवं गलियों का नाम है जिसे आज तक बदला नही गया उदहारण के तौर पर राईन मुहल्ला स्थित तिवारी स्ट्रीट,इस्लामी मरकज रोड स्थित देवी मंडप रोड,डोरंडा स्थित जैन मंदिर लाइन,काली मंदिर रोड, आदि अनेको ऐसे मुहल्ले और गली के नाम है जो झारखंड को अलग पहचान देती है, मैं सभी धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाले संगठन संस्थाओं से आग्रह करता हूँ इस तरह के मानसिकता रखने वालों का विरोध के साथ करारा जवाब दे।राज्य सरकार एवं निगम प्रशासन से अनुरोध है इस दिशा में उचित कदम उठाते हुए रांची में किसी गली मोहल्ले के नाम बदलने के पहले पूर्व में राँची नगर निगम बोर्ड में पारित निर्णय का अवलोकन करने के पश्चात ही हो। जिससे झारखंड की एकता अखंडता में दरार न पड़े



By Madhu Sinha

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ