GORAKHPUR,UP#अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत व बंदगी के लिए पैदा फरमाया - हबीबुर्रहमान अहमदनगर, तुर्कमानपुर, बनकटीचक व हरपुर बाज़ार में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा।

 GORAKHPUR,UP#अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत व बंदगी के लिए पैदा फरमाया - हबीबुर्रहमान

अहमदनगर, तुर्कमानपुर, बनकटीचक व हरपुर बाज़ार में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा। 

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

ग़ौसे आज़म हज़रत सैयदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की याद में जिले में जलसों का दौर जारी है। अहमदनगर में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में संतकबीरनगर के पीरे तरीक़त अल्लामा हबीबुर्रहमान रज़वी ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत और बंदगी के लिए पैदा फरमाया है। हमारी रहनुमाई के लिए अल्लाह ने पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को भेजा और उन पर क़ुरआन-ए-पाक नाज़िल फरमाया। बेहतर दीनी व दुनियावी ज़िंदगी के लिए क़ुरआन और हदीस की तालीमात पर अमल करना होगा। इस पर अमल करने वाले ईमान वाले हैं। 

तुर्कमानपुर के जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में मुफ़्ती अज़हर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी ज़िदंगी दुनिया में अमन चैन व ईमानी हिदायत के लिए काम करते रहे। उन्होंने हर पीड़ित व मज़लूम की न सिर्फ सहायता की, बल्कि उसके लिए त्याग भी किया। 


बनकटीचक के जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में मौलाना मुस्तफीज़ रज़ा ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम आधारित शिक्षा के जरिए इंसान को ज़िंदगी के सही उद्देश्यों का पता चलता है। इससे हमें अपने कर्तव्य का एहसास होता है, यही मानवता की भलाई की दिशा में अहम पड़ाव होता है। आज के दौर में ईमान को बचाने के साथ उसे मजबूत करना भी जरूरी है, क्योंकि ईमान इंसान की सबसे बड़ी दौलत है। अगर हमारे पास ईमान नहीं है तो उस ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है। 

हरपुर बाज़ार व चेचुवापार के जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में मौलाना अनवर अहमद तनवीरी ने कहा कि इंसान का ईमान दीनी तालीम से मजबूत होता है। ईमान से दुनिया और आख़िरत संवरती है। अल्लाह ने सबसे बेहतरीन मख़्लूक इंसान को बनाया है। इंसान में सबसे बेहतर ईमान वाला इंसान होता है। आज ईमान वालों की वजह से ही दुनिया कायम है। 

क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से जलसों का आगाज़ हुआ। नात व मनकबत पेश की गई। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्को मिल्लत के लिए दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में मुफ़्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर), मौलाना मलिकुज्जफ़र अलीमी, हाफ़िज़ अज़ीम अहमद नूरी, कारी आबिद अली, कासिद रज़ा इस्माइली, मो. दानिश रज़वी, शादाब अहमद रज़वी, अली हसन, मो. अफ़रोज़ क़ादरी, मो. शाकिब, मो. अनस, राजन, मुफ़्ती मुनव्वर, निज़ामुद्दीन नूरी, मुमताज अहमद, पैग़ाम निज़ामी, दिलशाद सुफियान, उस्मान, अहमद, दानिश, मुर्शिद, मो. मुमताज, आफताब, अब्दुल क़ादिर, सोहराब, मौलाना मो. अहमद निज़ामी, कारी अंसारुल हक़, हाफ़िज़ अब्दुल कलाम, एडवोकेट आज़म खान, नूर मोहम्मद दानिश, मौलाना गुलाम दस्तगीर, कारी अयूब आदि ने शिरकत की।

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By Madhu Sinha

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