आपदा में आधुनिक तकनीक अपनाने का मिला अवसर : --कुलसचिव।

 आपदा में आधुनिक तकनीक अपनाने का मिला अवसर : --कुलसचिव।


कोरोना काल में जहां एक ओर कोविड-19 के पहले और दूसरे लहर की कहर ने कमोबेश पूरे विश्व को अपने चपेट में लेकर लाखों की जीवन लीला समाप्त कर दी, तथा अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। वहीं इसका सकारात्मक पहलू यह रहा कि तकनीकी रूप से हमें इस महामारी ने काफी मजबूत कर दिया।  वहीं आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव का असर का नतीजा यह रहा कि शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा को तकनीकी रूप से काफी बढ़ावा मिला और तकरीबन 10 साल हम सभी को तकनीक के क्षेत्र में आगे पहुंचा दिया।

 उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा जगत को ऑनलाइन टीचिंग व व्यवसायिक जगत को वर्क फ्रॉम होम जैसा एक नया टूल तोहफा में मिल गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में चाहे स्कूल की बात की जाए या महाविद्यालय या फिर विश्वविद्यालय की, कोई भी शिक्षण संस्थान आकस्मिक आपदा के लिए पूर्णरूप से तैयार नहीं थे। संसाधनों का भी अभाव था, इसके बावजूद  शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई और अब स्थिति यह है कि विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय की पूरी शिक्षा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर केंद्रित नजर आती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भी ऐसे प्लेटफार्म विकसित हुए हैं जो विद्यार्थियों के सभी विषयों को बहुत ही सुक्ष्मता से विकसित कर बहुत ही कम समय में वीडियो के रूप में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे विद्यार्थी बहुत ही कम समय में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं। 


आईसेक्ट विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2016 में विश्वविद्यालय के शुरुआत के समय से ही आधुनिक तकनीकों के सहारे शिक्षण पद्धति पर बल दिया गया, जिसका लाभ यह हुआ कि कोरोना काल के दौरान भी सुचारू रूप से विश्वविद्यालय की कक्षाएं संचालित होती रही। इतना ही नहीं बल्कि महज 5 वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड भी प्राप्त किए। 


By Madhu Sinha

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