ईएसएल का लक्ष्य जीविका परियोजना के माध्यम से 1500 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को सशक्त बनाना है

 ईएसएल का लक्ष्य जीविका परियोजना के माध्यम से 1500 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को सशक्त बनाना है।


अबतक 584 से अधिक महिलाएं हो चुकी है लाभान्वित ।

• ग्रामीण महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने का लक्ष्य

• विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण देना है उद्देश्य 

• सूक्ष्म उद्यम विकास के माध्यम से सतत आजीविका सुनिश्चित कर रहें है 

• अधिक शैक्षिक और रोजगार के अवसर जोड़ रहा है ईएसएल 

बोकारो l 30 जुलाई, 2021: अपने परिचालन क्षेत्रों के आसपास की महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने के उद्देश्य से, ईएसएल स्टील लिमिटेड, एक प्रमुख राष्ट्रीय स्टील खिलाड़ी, विभिन्न सीएसआर पहलों पर समर्पित रूप से काम कर रही है |

ईएसएल अपनी परियोजना जीविका के द्वारा समुदाय में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए अपनी गतिविधियों के माध्यम से अगले तीन सालों में 1500 से अधिक महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। जीविका परियोजना का उद्देश्य वस्त्र एवं मशरूम उत्पादन, फिनाइल उत्पादन, फूला हुआ चावल उत्पादन, बांस उत्पाद, और अन्य स्थानीय शिल्प कार्यों में महिलाओं और उनके परिवारों को सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत, ईएसएल अब तक 584 एसएचजी महिलाओं तक पहुंच चुका है। महिलाओं ने अब तक 3000 लीटर से अधिक फिनाइल, 160 किलोग्राम मशरूम, 800 बोतल स्पॉन, 5500 मास्क आदि का उत्पादन कर लिया है। परियोजना के तहत एसएचजी महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लिए एफएसएसएआई (FSSAI) प्रमाणपत्र मिल चुका है।


इस परियोजना के तहत ईएसएल ने ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही स्पॉन उत्पादन इकाई, फिनाइल उत्पादन इकाई, मशरूम उत्पादन इकाई, कपड़ा केंद्र, बांस उत्पाद इकाई आदि की स्थापना की है। प्रोजेक्ट जीविका को झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी का भी समर्थन प्राप्त है। हाल ही में ईएसएल द्वारा कोविड जागरूकता पर एक वेबिनार भी आयोजित किया गया था जिसमें 300 से अधिक एसएचजी महिलाओं ने भाग लिया था | 


इस अवसर पर बोलते हुए एन.एल. वट्टे, सीईओ ईएसएल स्टील लिमिटेड ने कहा, “हम जानते है की झारखंड में महिलाओं और बच्चों के उज्ज्वल दिमाग का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है। उनमें काफी क्षमता हैं और अगर उन्हें सही दिशा मिले तो वे राज्य को गौरवान्वित कर सकते हैं। इसलिए, हम किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को सशक्त बनाकर राज्य को चमकदार बनाने और भारत को गौरवान्वित करने के लिए विभिन्न पहल शुरू करने में मदद कर रहे हैं। हम झारखंड राज्य सरकार सहित अपने सभी सहयोगियों के हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने हमारे सभी प्रयासों में हमारा साथ दिया है।"

अनीता केरकेट्टा, डीपीएम, जेएसएलपीएस (JSLPS), “ईएसएल की महिला केंद्रित पहल का उद्देश्य उन प्रतिभाओं को तैयार करना है जो उन्हें स्वतंत्र उद्यमी बनने के योग्य बनाती हैं। ईएसएल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनमे ऊंची उड़ान भरने के उद्देश्य से कड़ी मेहनत कर रहा हैं। मुझे उम्मीद है कि लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में उनके प्रोजेक्ट्स का बहुत बड़ा योगदान है। जेएसएलपीएस महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह की अद्भुत पहल को बढ़ावा देकर हमेशा ईएसएल का समर्थन करेगा।


ईएसएल अपनी महिला केंद्रित परियोजनाओं पर लैंगिक भेदभाव से लड़ने और महिलाओं के बीच आत्मविश्वास और साहस के स्तर को स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रहा है। कंपनी झारखंड भर में उनके विकास के लिए लगातार नई पहल कर रही है और भविष्य में और भी बेहतर होने के लिए योजना बना रही है।


By Madhu Sinha

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