RANCHI,JHARKHAND#*मारवाड़ी महाविद्यालय एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस. द्वारा "नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती" मनाया गया*
रांची, झारखंड ।आज 23 जनवरी दिन वृहस्पतिवार को मारवाड़ी महाविद्यालय, रांची के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार के निर्देशानुसार में मारवाड़ी महाविद्यालय प्रांगण में एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस. के द्वारा "नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती" मनाई गई । इस अवसर पर प्रातः एन.सी.सी. के कैडेटों द्वारा रांची यातायात विभाग एवं नेहरू युवा केंद्र एवं के सहयोग से सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता रैली निकाली गई, जो कचहरी चौक यातायात कंट्रोल विभाग से चलकर मोराबादी मैदान अवस्थित बापू वाटिका तक गई और पुनः मारवाड़ी महाविद्यालय वापस आई । मारवाड़ी महाविद्यालय परिसर में कैडेटों द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद करते हुए साहसिक करतब दिखलाए गए ।
इस अवसर पर मारवाड़ी महाविद्यालय के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. आर.आर. शर्मा, सहायक प्राध्यापक सह एन.सी.सी. के केयर टेकर ऑफिसर डॉ. अवध बिहारी महतो एवं एन.एस.एस. के कार्यक्रम पदाधिकारी श्री अनुभव चक्रवर्ती विशेष रूप से उपस्थित रहे । उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं कैडेटों द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं पुष्प अर्पित कर उनको याद किया गया । उनको याद करते हुए प्रोफेसर इंचार्ज द्वारा कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा गया कि आजाद हिन्द फौज के संस्थापक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी के विचार "तुम अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है ।" कैडेटों को उनकी जीवन के इस सीख को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए ताकि आप राष्ट्र के निर्माण में सही और पूर्ण रूप से भागीदार बन सकें ।
एन.एस.एस. के पदाधिकारी श्री अनुभव चक्रवर्ती द्वारा उपस्थित सभी छात्रों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के दिए गए आदर्शों पर चलने की बात कही गई । अपने अभिभावक और देश के कर्तव्य का सही निर्वहन आप उनके जीवन से सीख सकते हैं । उन्होंने दोनों को बखूबी अच्छी तरह से निभाया और देश को आजाद कराया ।
सहायक प्राध्यापक और एन.सी.सी. के केयर टेकर ऑफिसर डॉ. अवध बिहारी महतो द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद करते हुए कहा गया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस हमारे देश के सच्चे स्वतंत्रता सेनानी थे । उनके त्याग और योगदान के कारण ही उन्हें नेताजी की उपाधि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी । उन्होंने अंग्रेजो से लोहा अपनी सेना बनाकर ली थी । उनके द्वारा किए गए त्याग को भी याद किया जाना चाहिए । उन्होंने कभी पद की आकांक्षा नहीं की और निस्वार्थ भाव से देश की आजादी के लिए कार्य किया । उनके द्वारा किए गए आवाहन "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" को सच साबित करते हुए देश को आजाद कराया । चूंकि आप सेना के एक विंग हो आप भी उनके जीवन से बहुत कुछ सीख कर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं ।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सीनियर अंडर ऑफिसर नीतू मांझी, अंडर ऑफिसर रोशनलाल, अंडर ऑफिसर गायत्री कुमारी, अंडर ऑफिसर नैतिक सिंह, रवि विश्वकर्मा, सोनू कुमार, सरोज कुमार साहू, त्रिदेव,आयुष, अमित आदि के साथ एक सौ कैडेटों ने भाग लिया ।
By Madhu Sinha
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